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Sunday, October 6, 2024
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Adilabad Lok Sabha Seat: ‘व्हाइट गोल्ड सिटी’ नाम से फेमस, 2019 में आदिलाबाद फतह कर BJP ने चौंकाया; जानें यहां का सियासी समीकरण | telangana history of adilabad lok sabha constituency know about political equations bjp brs congress candidate stwas


Adilabad Lok Sabha Seat: 'व्हाइट गोल्ड सिटी' नाम से फेमस, 2019 में आदिलाबाद फतह कर BJP ने चौंकाया; जानें यहां का सियासी समीकरण

आदिलाबाद लोकसभा सीट.

तेलंगाना का आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र देश की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2019 के लोकसभा चुनाव में यहां कड़ा मुकाबला देखने को मिला था. इस सीट पर BJP प्रत्याशी को जीत मिली थी. BJP के सोयम बाबू राव ने 58,560 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. सोमय बाबू वार को 3,77,374 वोट मिले थे. उन्होंने BRS (भारत राष्ट्र समिति) तब TRS के उम्मीदवार गोधाम नागेश को हराया थास जिन्हें 3,18,814 वोट मिले थे. आदिलाबाद लोकसभा सीट पर 2019 के चुनाव में 71.45% मतदान हुआ था.

2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर इस आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र के मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. मतदाता लोकतंत्र में अपने वोटों की ताकत दिखाने को तैयार हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में आदिलाबाद लोकसभा सीट पर BRS से अतराम सक्कु, BJP से गोदम नागेश और कांग्रेस से डॉ. सुगुना कुमारी चेलीमाला चुनावी मैदान में हैं.
आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र तेलंगाना के 17 लोकसभा क्षेत्रों में से एक है. यह लोकसभा क्षेत्र अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों के लिए आरक्षित है. 2019 के लोकसभा चुनाव में इस सीट पर BJP के सोयम बापू राव ने जीत दर्ज की थी.

आदिलाबाद कपास की समृद्ध खेती के लिए प्रसिद्ध है. इसलिए इसे ‘व्हाइट गोल्ड सिटी’ भी कहा जाता है. यह राजधानी हैदराबाद से करीब 318 किलोमीटर दूर स्थित है. आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत 7 विधानसभा क्षेत्र आते हैं.
आदिलाबाद तेलंगाना राज्य का एक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र है. इसे मां देवी सरस्वती का घर भी माना जाता है. यहां कई किले और ऐतिहासिक स्थल हैं. यहां के बसर इलाके का श्री ज्ञान सरस्वती मंदिर धार्मिक रूप से बेहद प्रसिद्ध है. शहर के बीचों-बीच स्थित महात्मा गांधी उद्यान बेहद रमणीय स्थल है. यहां चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई के लिए राजीव गांधी इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस ‘रिम्सा’ भई है.

आदिलाबाद लोकसभा क्षेत्र में कितनी विधानसभा सीटें?

आदिलाबाद लोकसभा सीट में 7 विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. 2019 के संसद चुनाव के अनुसार, आदिलाबाद (एसटी) संसद सीट पर कुल मतदाता- 14,89,790 हैं. इनमें 7,58,082 पुरुष वोटर हैं, जबकि महिला मतदाताओं की संख्या 7,31,652 हैं. थर्ड जेंडर के मतदाता 56 हैं. 2019 में इस सीट पर कुल 10,63,730 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिसमें पुरुष मतदाता 5,23,054 और महिला मतदाता 5,39,832 थीं. 2019 में कुल मतदान प्रतिशत 71.40% था.

आदिलाबाद का नाम बीजापुर के पूर्व शासक मुहम्मद यूसुफ आदिल शाह के नाम पर पड़ा है. आदिलाबाद पर काकतीय, मौर्य, सातवाहन, चालुक्य, कुतुब शाही, आसफ जाहिस जैसे कई राजवंशों द्वारा शासन किया गया है. 1872 में इसका निर्माण किया गया, लेकिन 1905 में इसे एक स्वतंत्र जिला घोषित कर दिया गया. फिर 100 से अधिक साल बाद 2016 में इसे चार जिलों, आदिलाबाद, निर्मल, आसिफाबाद, मंचेरियल में बांटा गया.

‘व्हाइट गोल्ड सिटी’ नाम से भी फेमस है आदिलाबाद

आदिलाबाद को कपास के उत्पादन के कारण ‘व्हाइट गोल्ड सिटी’ कहते हैं. हालांकि यह अपनी खूबसूरती को लेकर भी जाना जाता है. यहां नेशनल पार्क, वाइल्डलाइफ सेंचुरी और झरनों भी हैं. यहां प्राणिता वाइल्डलाइफ सेंचुरी, सिवाराम वाइल्डलाइफ सेंचुरी, केवल वाइल्डलाइफ सेंचुरी समेत कई ऐसे क्षेत्र हैं, जहां कई जीव-जंतु रहते हैं. यही कारण है कि यहां पर्यटक भी खूब आते हैं. पोचेरा, कुंतला वॉटरफॉल और सतनाला डैम अपनी खूबसूरती से पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करते हैं.

आदिलाबाद का ऐतिहासिक महत्व

तेलंगाना के उत्तरी क्षेत्र में स्थित आदिलाबाद मूल रूप से यह पूर्ण विकसित जिला नहीं था, बल्कि सिरपुर-तंदूर नामक एक उप-जिला था, जिसे 1872 ई. में एडलाबाद (आदिलाबाद), राजुरा और सिरपुर को इसके घटक तालुकों के रूप में बनाया गया था. 1905 में इस उप-जिले का दर्जा बढ़ाकर एक स्वतंत्र जिले का कर दिया गया, जिसका मुख्यालय आदिलाबाद में था. इसके अलावा 2016 में आदिलाबाद जिले को 4 जिलों आदिलाबाद, निर्मल, मंचेरियल और कुमरामभीम आसिफाबाद जिलों में पुनर्गठित किया गया है. आदिलाबाद का नाम बीजापुर के पूर्व शासक मोहम्मद आदिल शाह के नाम पर रखा गया था.

आदिलाबाद में पर्यटन के केंद्र

यह सांस्कृतिक विरासत से समृद्ध है और अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता के लिए जाना जाता है, जिसने कई वर्षों से यात्रियों को आकर्षित किया है. देश के अन्य ऐतिहासिक स्थलों की तुलना में आदिलाबाद में पर्यटन का इतिहास अपेक्षाकृत नया है. यह एक समय मुख्य रूप से एक कृषि प्रधान जिला था, जहां बड़ी जनजातीय आबादी थी. परंपरागत रूप से क्षेत्र की अर्थव्यवस्था कृषि और वन उपज के इर्द-गिर्द घूमती थी. हालांकि, शानदार झरनों, घने जंगलों और वन्यजीव अभ्यारण्यों की उपस्थिति ने प्रकृति प्रेमियों और हलचल भरे शहरों से दूर शांति और शांति की तलाश करने वाले पर्यटकों का ध्यान आकर्षित करना शुरू कर दिया.



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