प्राकृतिक सुंदरता से डूबा होशंगाबाद नर्मदा के घाटों पर बसा एक बेहद सुंदर शहर है. यहां की राजनीति की दिशा और दशा शुरू से ही कुछ अलग ही रास्ते रही है. संविधान सभा के सदस्य रहे और अपने साथियों में विद्वान कहलाए जाने वाले एचवी कामत भी यहां से चुनाव लड़ चुके हैं और लोकसभा में इस सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं. नर्मदा से सुंदर घाटों और सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच बसा ये शहर बेहद आकर्षक है. यहां पर हर साल नर्मदा घाट पर स्नान करने के लिए हजारों श्रद्धालु आते हैं, इतना ही नहीं पूरे शहर में नर्मदा जल की ही सप्लाई होती है. यहां की ज्यादातर कृषि भूमि नर्मदा नदी पर ही आश्रित है.
राजनीति की बात जाए तो होशंगाबाद लोकसभा सीट पर कांग्रेस और बीजेपी का ही वोटबैंक है, इनके अलावा किसी अन्य पार्टी का यहां ज्यादा अस्तित्व नहीं है. होशंगाबाद का इतिहास पाषाण युग में भी रहा है. यहां पर आदिमानवों ने अपना जीवन यापन किया था और इसके सबूत यहां पर बनी प्रचीन गुफाओं के अंदर बने शैलचित्र देते हैं. इतिहास की बात की जाए तो यहां पर मालवा क्षेत्र के दूसरे राजा सुल्तान हुशंगशाह गौरी ने इस शहर को पंद्रहवीं शताब्दी में बसाया था. उन्हीं के नाम पर इस शहर का नाम होशंगाबाद रखा गया. इस नाम को वर्तमान में बदलकर नर्मदापुरम कर दिया गया है.
औद्योगिक रूप से भी होशंगाबाद शहर बहुत उन्नत है, यहां पर नोट छापने वाले कागज का कारखाना भी है. इसके अलावा यह शहर सांस्कृतिक रूप से भी बहुत समृद्ध है, शहर में प्रचीन पद्धति पर चलने वाला एक गुरुकुल भी मौजूद है. मध्य प्रदेश का इकलौता हिल स्टेशन इसी क्षेत्र में है जिसका नाम है पचमढ़ी. यहां की वादियां और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर सुंदर हरियाली किसी का भी मन मोह लेने के लिए काफी हैं.
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पचमढ़ी को सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. इसके अलावा सतपुड़ा नेशनल पार्क भी यहां पर दर्शनीय स्थलों में से एक है. शहर से करीब 45 किलोमीटर दूर बना तवा नदी पर तवा बांध भी लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है. धार्मिक स्थलों की बात की जाए तो हिंगलाज माता मंदिर और बूढ़ी माता मंदिर यहां पर स्थानीय लोगों के लिए प्रमुख आस्था के केंद्र हैं. इसके अलावा नर्मदा पर बने कई सुंदर घाट यहां मौजूद हैं.
राजनीतिक ताना-बाना
होशंगाबाद लोकसभा सीट को आठ विधानसभाओं को मिलाकर बनाया गया है. इन विधानसभाओं में नरसिंहपुर, तेंदूखेड़, गाड़रवारा, सिवनी-मालवा, नर्मदापुरम, सुहागपुर, पिपरिया और उदयपुरा शामिल है. अगर विधानसभा चुनाव की बात करें तो हाल ही में हुए चुनावों में इन सभी सीटों पर बीजेपी को जीत मिली है. होशंगाबाद लोकसभा सीट में पूरा नर्मदापुरम जिला और रायसेन और नरसिंहपुर जिले के कुछ हिस्से आते हैं. यहां की राजनीति की बात की जाए तो यह निर्वाचन क्षेत्र 1952 में ही अस्तित्व में आया था.
यहां पर पहले ही चुनाव में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी से एचवी कामत ने चुनाव लड़ा और जीत गए. इसके बाद लंबे वक्त तक यह सीट कांग्रेस के पास रही लेकिन, 1962 में फिर से एचवी कामत ने यहां चुनाव लड़ा और जीते. इनके अलावा सरताज सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री सुंदरलाल पटवा यहां से चुनाव लड़े और जीते हैं. 1989 से यह सीट बीजेपी के पास थी, लेकिन 2009 में उदय प्रताप सिंह ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत गए. इसके बाद उन्होंने पार्टी बदली और 2014 और 2019 में उन्होंने इस सीट से बीजेपी से चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.
पिछले चुनाव में क्या रहा?
पिछले चुनाव की बात की जाए तो यहां से बीजेपी ने उदय प्रताप सिंह पर भरोसा जताया था जबकि कांग्रेस ने उनके प्रतिद्वंद्वी के रूप में शैलेंद्र दीवान को टिकट दिया था. प्रमुख रूप से इन दोनों के बीच ही चुनावी टक्कर थी. जिसमें बीजेपी के उदय प्रताप सिंह को 8.77 लाख वोट मिले थे, और कांग्रेस के शैलेंद्र को सिर्फ 3.24 लाख वोट. उदय प्रताप ने कांग्रेस के शैलेंद्र को साढ़े पांच लाख वोटों के अंतर से भारी-भरकम शिकस्त दी थी.