भारत में तमिल, तेलुगु, मलायलम, कन्नड़, भोजपुरी, मराठी, बंगाली, पंजाबी और हिंदी समेत कई फिल्म इंडस्ट्री है. हर फिल्म इंडस्ट्री का नाम भी रख दिया गया है. हॉलीवुड की तर्ज पर यहां भी किसी को कॉलिवुड, तो किसी को टॉलीवुड कहने का चलन है. इसी तरह हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को कई सालों से बॉलीवुड के नाम से जाना जाने लगा है. पर ये नाम हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को मिला कैसे और कब इसका पहली बार इस्तेमाल हुआ? इसके बारे में कुछ साल पहले दिग्गज निर्देशक सुभाष घई ने खुलासा किया था.
शेमारू के साथ एक इंटरव्यू में निर्देशक सुभाष घई ने बॉलीवुड शब्द के पहली बार इस्तेमाल के बारे में खुल कर बात की. साथ ही इस दौरान उन्होंने वो वाकया भी शेयर किया, जिसके बाद बॉलीवुड शब्द का इस्तेमाल होना शुरू हुआ. उन्होंने इंटरव्यू के दौरान कहा कि हमारी इंडस्ट्री को हिंदी सिनेमा ही कहना चाहिए न कि बॉलीवुड.
सुभाष घई ने सुनाया सालों पुराना किस्सा
2020 के इंटरव्यू में सुभाष घई ने बताया, “मैं एक बात ज़रूर कहना चाहूंगा. प्लीज़ हमारी हिंदी सिनेमा को आप बॉलीवुड मत कहिए. ये जो बॉलीवुड कहा गया है, ये गाली दी थी हमको किसी ने. जिस वक्त मेरी फिल्म रिलीज़ हुई थी राम लखन, उस वक्त बीबीसी का यूनिट आया था. उन्होंने हमसे कहा कि हम आपके प्रीमियर पार्टी को कवर करना चाहते हैं. इसके लिए उन्होंने इजाजत ली. उन्होंने कवर किया.”
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सुभाष घई आगे कहते हैं, “दो हफ्ते बाद में जब लंदन गया तो वहां पर चैनल में दिखा रहे थे कि किस तरह से भारत में फिल्म वाले जो हैं वो हॉलीवुड की नकल कर रहे हैं. उन्होंने हमारी महिलाओं के जूते, पर्स, उनके हेयरस्टाइल वाले शॉट्स दिखाए. उन्होंने साथ में हॉलीवुड के प्रीमियर दिखाए कि हॉलीवुड में ऐसे प्रीमियर होता है और बॉलीवुड में ऐसे.”
सुभाष घई ने कहा कि इस तरह से प्रीमियर का वीडियो दिखाया गया कि हम लोग नकलची हैं. हमारी बहुत बेइज्जती की गई. और कहा कि क्यों न इनका नाम बॉलीवुड रखा जाए. उन्होंने कहा, “वहां से इसकी शुरुआत हुई. तिरस्कार से इसकी शुरुआत हुई, जिसको हमने अपना सत्कार समझा. ये बात मुझे बहुत दुख से कहनी पड़ती है.” उन्होंने कहा कि याद रखिए जब आप खुद को बॉलीवुड कहते हैं आप अपने आपको नकलची कहते हैं.
यहां देखें इंटरव्यू