बार-बार KYC के झंझट से मिलेगी मुक्ति
आज के समय में हर कोई बार-बार केवाईसी करने से परेशान है. मौजूदा नो योर कस्टमर (KYC) प्रक्रिया ने कोटक एएमसी के एमडी नीलेश शाह को नाराज कर दिया है. शाह ने इस प्रोसेस पर अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए शुक्रवार को एक्स का रुख किया. शाह ने एक केवाईसी मेल का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए कहा कि बाजार में तीन दशकों के बाद और बायोमेट्रिक वेरिफिकेशन सहित केवाईसी के लिए हर फॉर्म भरने के बाद इस तरह के ई-मेल प्राप्त करने से मेरा दिल दुखता है. आपको बता दें कि सरकार एक ऐसे सेंट्रल यूनिफॉर्म केवाईसी सिस्टम को लागू करने की दिशा में काम कर रही है, जिसके आने से बार-बार केवाईसी की समस्या ही खत्म हो जाएगी.
क्या है इसका समाधान?
यूनिफॉर्म केवाईसी 14 अंकों का यूनिक CKYC नंबर जारी किया जाएगा. इसका इस्तेमाल RBI, SEBI, और IREDA जैसे रेगुलेटर के दायरे में आने वाली संस्थाओं में किया जाएगा. इसका मतलब है कि आपको बैंक अकाउंट, फास्टैग, स्टॉक मार्केट और इंश्योरेंस के लिए नए सिरे से केवाईसी कराने की जरूरत नहीं पड़ेगी. बस CKYC नंबर देने से आपका काम हो जाएगा. वित्त मंत्रालय ने साल 2016 में सेंट्रल केवाईसी रिकॉर्ड्स रजिस्ट्री (CKYCR) का गठन किया था, जिसका मकसद था जनता को बार-बार केवाईसी कराने की दिक्कतों से छुटकारा दिलाना. यहीं से पहली बार यूनिफॉर्म KYC का प्रस्ताव रखा गया था.
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वित्त मंत्री ने कही थी ये बात
कुछ महीना पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि ग्राहकों के वेरिफिकेशन के लिए यूनिफॉर्म केवाईसी (Uniform KYC) किया जा सकता है. इससे लोगों को केवाईसी के मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ेगा. फाइनेंशियल स्टेबिलिटी एंड डेवलपमेंट काउंसिल (FSDC) का कहना है कि बार-बार केवाईसी कराने की प्रक्रिया काफी बोरिंग है. अगर यूनिफॉर्म केवाईसी लागू कर दी जाती है, तो वक्त के साथ खर्च भी काफी बचेगा. फिर जनता को राहत मिलेगी, वह किसी वित्तीय संस्थान में एक बार केवाईसी कराने के बाद दूसरे सेगमेंट में भी उसका लाभ ले सकेगी.