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Sunday, October 6, 2024
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बढ़ेगी होम लोन की EMI या सस्ता होगा घर लाना ड्रीम कार, RBI जल्द ले सकता है फैसला | Home loan EMI increase or bringing home a dream car cheaper RBI take a decision in mpc meeting


बढ़ेगी होम लोन की EMI या सस्ता होगा घर लाना ड्रीम कार, RBI जल्द ले सकता है फैसला

आरबीआई(फाइल फोटो)

भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा इस सप्ताह पेश होने वाली मौद्रिक नीति समीक्षा में एक बार फिर नीतिगत दर में कोई बदलाव नहीं देखा जा सकता है. इसका कारण आर्थिक वृद्धि को लेकर चिंता दूर होने और इसके करीब आठ प्रतिशत रहने के साथ केंद्रीय बैंक का अब और अधिक जोर महंगाई को चार प्रतिशत के लक्ष्य पर लाने पर हो सकता है.

इस नीति पर चल रहा केंद्रीय बैंक

एक्सपर्ट का कहना है कि नीतिगत दर पर निर्णय लेने वाली आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) अमेरिका और ब्रिटेन जैसे कुछ विकसित देशों के केंद्रीय बैंकों के रुख पर गौर कर सकती है. ये केंद्रीय बैंक नीतिगत दर में कटौती को लेकर स्पष्ट रूप से देखो और इंतजार (Wait and Watch) करो का रुख अपना रहे हैं.

दुनिया में हुए ये बदलाव

विकसित देशों में स्विट्जरलैंड पहली बड़ी अर्थव्यवस्था है जिसने नीतिगत दर में कटौती की है. वहीं दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था जापान आठ साल बाद नकारात्मक ब्याज दर की स्थिति को समाप्त किया है. रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकान्त दास की अध्यक्षता वाली एमपीसी की तीन दिवसीय बैठक तीन अप्रैल को शुरू होगी. मौद्रिक नीति समीक्षा की की घोषणा पांच अप्रैल को की जाएगी. यह वित्त वर्ष 2024-25 की पहली मौद्रिक नीति समीक्षा होगी. एक अप्रैल 2024 से शुरू वित्त वर्ष में एमपीसी की छठ बैठकें होगी.

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आखिरी बार 2023 में हुआ था बदलाव

आरबीआई ने पिछली बार फरवरी 2023 में रेपो दर बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत किया था. उसके बाद लगातार छह द्विमासिक मौद्रिक नीति समीक्षा में इसे यथावत रखा गया है. बैंक ऑफ बड़ौदा के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि महंगाई अभी भी पांच प्रतिशत के दायरे में है और खाद्य महंगाई के मोर्चे पर भविष्य में झटका लगने की आशंका है, इसको देखते हुए एमपीसी इस बार भी नीतिगत दर और रुख पर यथास्थिति बनाए रख सकता है.

जीडीपी अनुमान में संशोधन

उन्होंने कहा कि जीडीपी अनुमान में संशोधन हो सकता है. इस पर सबकी बेसब्री से नजर होगी. सबनवीस ने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में आर्थिक वृद्धि उम्मीद से कहीं बेहतर रही है और इसीलिए केंद्रीय बैंक को इस मामले में चिंताएं कम होंगी और वह महंगाई को लक्ष्य के अनुरूप लाने पर ज्यादा ध्यान देना जारी रखेगा. देश की आर्थिक वृद्धि दर वित्त वर्ष 2023-24 की दिसंबर तिमाही में 8.4 प्रतिशत रही. राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने पहली और दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी वृद्धि के अनुमान को संशोधित कर क्रमश: 8.2 प्रतिशत और 8.1 प्रतिशत किया है जो पहले 7.8 प्रतिशत और 7.6 प्रतिशत थी.



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