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Saturday, February 15, 2025
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पाकिस्तान में आतंकी हमलों से चीनी कंपनियां बेहाल, वर्कर छोड़ना चाह रहें देश | Chinese companies are distressed due to terrorist attacks in Pakistan, workers want to leave the country


पाकिस्तान में आतंकी हमलों से चीनी कंपनियां बेहाल, वर्कर छोड़ना चाह रहें देश

पाकिस्तान में आतंकी हमलों से चीनी कंपनियां बेहाल

पाकिस्तान में चीन के श्रमिकों पर हुए हालिया घातक हमलों ने उनके आत्मविश्वास को झकझोर कर रख दिया है. इनमें अब कुछ वर्कर सुरक्षा कारणों से देश छोड़ने की योजना बना रहें हैं. माना जा रहा हैं हाल ही में पाकिस्तान पर हुए कई हमलों से चीन के वर्कर दहशत में हैं.

डॉन समाचार पत्र में रविवार को एक लेख प्रकाशित हुआ. इसमें मुहम्मद आमिर राणा ने लिखा कि चीनी इंजीनियरों के वाहन पर मंगलवार को हुए आतंकवादी हमले में पांच चीनी नागरिकों के मारे जाने के परिणामस्वरूप चीन की कंपनियों ने कम से कम तीन महत्वपूर्ण पनबिजली परियोजनाओं डासू बांध, डायमर-बाशा बांध और तरबेला एक्सटेंशन पर काम रोक दिया है.

हजारों चीनी कर्मी है मौजूद

उन्होंने इसमें लिखा, कि इस हमले से देश में काफी चिंता फैल गई है. इन महत्वपूर्ण बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को बाधित करने के अलावा इस हमले ने पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों के आत्मविश्वास को भी झकझोर कर रख दिया है. रिपोर्टों से संकेत मिलता है कि कुछ लोग सुरक्षा चिंताओं के कारण देश छोड़ने पर विचार कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि 60 अरब अमेरिकी डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे के तत्वावधान में जारी परियोजनाओं में हजारों चीनी कर्मी पाकिस्तान में काम कर रहे हैं.

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कड़े कदम उठाने की जरूरत

राणा ने कहा कि पाकिस्तान का उग्रवादी परिदृश्य बहुत जटिल न हो, लेकिन विविध जरूर है, जहां विचारधाराएं, सामाजिक-राजनीतिक कारक और समूहों की गतिशीलता सभी स्थानीय संदर्भों में काम करती हैं. उन्होंने कहा कि किसी भी आतंकवाद विरोधी जांच में, व्यापक वैचारिक और राजनीतिक पहलुओं की तुलना में स्थानीय संदर्भ और गतिशीलता अधिक महत्वपूर्ण हैं.

अफगानिस्तान से रिश्ते ठीक नहीं

माना जा रहा है पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच हालात हालात कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं. पाकिस्तान के अफगानिस्तान पर एयर स्ट्राइक के बाद से दोनों देश एक-दूसरे पर छोटे-मोटे हमले कर रहे हैं. दोनों देशों के बीच कड़वाहट बढ़ती जा रही है और हालात न सुधरे तो दुनिया एक और वॉर देख सकती है. इससे पहले रूस और यूक्रेन वॉर को दुनिया ने देखा था जिसका थोड़ा या ज्यादा असर हर देश पर पड़ा था.



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