देश की सबसे बड़ी आईटी कंपनी में से एक इंफोसिस लिमिटेड को आयकर विभाग से कुल 6,329 करोड़ रुपए का टैक्स रिफंड मिलेगा. यह कंपनी को विंडफॉल टैक्स रिफंड के तौर पर प्राप्त होगा. अब सवाल ये है कि अभी तक जीएसटी रिफंड का नाम सुना था ये विंडफॉल रिफंड क्या है. इसे समझने के लिए विंडफॉल टैक्स क्या है यह समझना होगा और किन कंपनियों पर उसे लगाया जाता है, इसके बारे में भी जानकारी लेनी होगी.
किस तरह की कंपनियों पर लगता है विंडफॉल टैक्स?
विंडफॉल टैक्स ऐसी कंपनियों या इंडस्ट्री पर लगाया जाता है, जिन्हें किसी खास तरह की परिस्थितियों में तत्काल काफी लाभ होता है. भारत की तेल कंपनियां इसका अच्छा उदाहरण हैं. यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल आया. इससे तेल कंपनियों को काफी फायदा मिला था. रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण तेल कंपनियां भारी मुनाफा काट रही थीं, इसलिए उन पर विंडफॉल टैक्स लगाया गया था. भारत ही नहीं इटली और यूके ने भी अपनी एनर्जी कंपनियों पर यह टैक्स लगाया था.
इंफोसिस के मामले में देखें तो उसपर तत्काल हुए प्रॉफिट के चलते टैक्स वसूला गया होगा, लेकिन अब जब कंपनी ने उसका डिटेल सरकार को सौंप दिया होगा, जिसमें वह अचानक से हुए प्रॉफिट में शामिल नहीं हो पाया होगा तो अब सरकार उसे वापस कर देगी.
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ये है टैक्स का रेट
बता दें कि सरकार ने अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम घटकर छह महीने के निचले स्तर पर आ गए हैं. जिसको देखते हुए क्रूड ऑयल निर्यातकों को बड़ी राहत दी है. सरकार ने क्रूड ऑयल के निर्यात पर विंडफॉल टैक्स 13300 रुपए से घटाकर 10500 रुपए प्रति टन कर दिया है. इसके साथ ही डीजल पर लागू एक्सपोर्ट ड्यूटी को घटाकर 5 रुपए प्रति लीटर कर दिया है. इसके पहले इसे सात रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 13.50 रुपए प्रति लीटर कर दिया था. सरकार की ओर से जारी नई दरें 17 सितंबर की आधी रात से लागू हो गई हैं.