238 बार चुनाव लड़ने और हारने का रिकॉर्ड बनाने वाले के पद्मराजन
तमिलनाडु के सलेम के रहने वाले के पद्मराजन को ‘इलेक्शन किंग’ के नाम से जाना जाता है. 65 साल के पद्मराजन ने चुनाव लड़ने का एक अनोखा रिकॉर्ड बनाया है. वो अब तक 238 बार चुनाव लड़ चुके है और हर बार हार का सामना किया. साथ ही अब तक पद्मराजन लगभग 1 करोड़ रुपये चुनाव में खर्च कर चुके है. हालांकि वो इस बार फिर चुनाव मैदान में उतरने के लिए तैयार है.
पद्मराजन ने पंचायत चुनाव और यहां तक कि राष्ट्रपति चुनाव सहित 238 चुनावों में भाग लिया है, लेकिन कभी जीत नहीं पाए. इस बार वो धर्मपुरी निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतरे है. अपनी कई बार हार के बावजूद, पद्मराजन का मानना है कि लोकतंत्र में हर किसी को चुनाव लड़ने का मौका मिलना चाहिए. बता दें, पद्मराजन टायर रिपेयर की दुकान चलाते है.
किस- किस के खिलाफ लड़ा चुनाव
लगातार चुनाव लड़ने और हर चुनाव में हारने की वजह से उनका लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और दिल्ली बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में चुनाव के सबसे असफल उम्मीदवार के रूप में नाम दर्ज है. पद्मराजन ने कहा कि अब तक, मैंने अटल बिहारी वाजपेयी, पीवी नरसिम्हा राव, जे जयललिता, एम करुणानिधि, एके एंटनी, वायलार रवि, बीएस येदियुरप्पा, एस बंगारप्पा, एसएम कृष्णा, विजय माल्या, सदानंद गौड़ा और अंबुमणि रामदास के खिलाफ चुनाव लड़ा है.
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चुनाव पर 1 करोड़ रुपये किए खर्च
पद्मराजन ने आगे बताया कि मैं कुल मिलाकर छह बार राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति का चुनाव भी लड़ चुका हूं. मैं जीतना नहीं चाहता, बल्कि केवल हारना चाहता हूं, क्योंकि आप जीत का स्वाद केवल एक निश्चित समय के लिए ही चख सकते हैं, लेकिन आप हमेशा के लिए हार झेल सकते हैं. अब तक पद्मराजन चुनाव पर लगभग 1 करोड़ रुपये खर्च कर चुके है. पद्मराजन चुनाव लड़ने के लिए अपनी टायर रिपेयर की दुकान से होने वाली कमाई का ही इस्तेमाल करते है.