एआईएडीमके का गढ़ तिरुनेलवेलीImage Credit source: tv9 भारतवर्ष
तिरुनेलवेली तमिलनाडु की सबसे पुरानी लोकसभा सीटों में एक है. यह देश के 543 और सूबे के 26 लोकसभा सीट में से एक प्रमुख सीट है. तिरुनेलवेली में शुरुआती तीन चुनाव में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद के सालों में यह अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीमके) का गढ़ बन गया. यहां हुए अबतक 17 चुनावों में एआईएडीमके ने सात बार जीत दर्ज की है. इसके साथ ही यहां की जनता ने निर्दलीय, द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवारों को भी जीत दिलाकर संसद भेज है. वर्तमान में यहां डीएमके के एस. ज्ञानतिरविअम सांसद हैं. एस.ज्ञानतिरविअम ने एआईएडीएमके के पीएच मनोज पांडियन को हराया है.
एस.ज्ञानतिरविअम को जहां 50.65% वोट मिले वहीं पीएच मनोज पांडियन 32.66% वोट. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय एस. माइकल रायप्पन को -9.27%, चौथे स्थान पर रहे एनटीके,के बी सत्या को 4.84% मत मिले थे. वहीं पांचवे स्थान पर रहे एमएनएम के एम.वेन्नीमलाई को 2.24%मत मिले.
2019 में 185720 वोटों से DMK की जीत
2019 में डीएमके के एस.ज्ञानतिरविअम ने एआईएडीएमके के पीएच मनोज पांडियन को 1,85,720 वोटों से हराया था. एस.ज्ञानतिरविअम को जहां 522,993 वोट वहीं पीएच मनोज पांडियन को 3,37,273 वोट मिले. जबकि तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय एस. माइकल रायप्पन को 62,235 वोट, चौथे स्थान पर रहे एनटीके के बी सत्या को 49,935 वोट और पांचवे स्थान पर एमएनएम के एम. वेन्नीमलाई को 23,120 वोट मिले थे.
2014 में एआईएडीएमके की जीत
इससे पहले 2014 में एआईएडीएमके के केआरपी प्रभाकरन ने डीएमके के देवदास सुंदरम को 1,26,099 वोटों से हराया था. तीसरे स्थान पर रहे डीएमडीके के एस सिवन अनेंथापेरुमल को 127370 वोट मिले थे. चौथे स्थान पर रहे कांग्रेस के एसएस रामसुब्बू को 62863 वोट जबकि पांचवे स्थान पर रहे टीएनएमके, के टी. देवनाथन यादव को 19,381 वोट मिले. छठे स्थान पर रहे आम आदमी पार्टी के एमपी सेसुराज को 18,353 वोट मिले थे.
तिरुनेलवेली का चुनावी इतिहास
तिरुनेलवेली में हुए पहले चुनाव में 1952 में कांग्रेस पार्टी के पीटी थानु पिल्लई ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1957 में कांग्रेस के पीटी थानु पिल्लई यहां से जीत कर संसद पहुंचे. 1962 में कांग्रेस ने लगातार तीसरी बार जीत दर्ज की और मुथैया लोकसभा पहुंचे. 1967 में निर्दलीय एस जेवियर ने जीत हासिल की जबकि 1971 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एसए मुरुगनाथम तिरुनेलवेली से जीत कर संसद पहुंचे. 1977 में यहां हुए चुनाव में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम अलादी अरुणा (उर्फ) वी अरुणाचलम ने जीत हासिल की.1980 में डीएमके के डीएसए शिवप्रकाशम को कामयाबी मिली. इसके बाद 1984, 1989 और 1991 में एआईएडीएमके के कदम्बुर आर. जनार्थनन ने लगातार तीन बार जीत हासिल की. 1996 में डीएमके के डीएसए शिवप्रकाशम, 1998 और 1999 में एआईएडीएमके और फिर 2004 और 2009 में कांग्रेस पार्टी ने जीत दर्ज की.
तिरुनेलवेली का वोट गणित
तिरुनेलवेली तमिलनाडु का एक लोकसभा क्षेत्र और जिला है. क्षेत्रफल की दृष्टि से यह सूबे का सबसे बड़ा जिला है. इसका मुख्यालय तिरुनेलवेली है. तिरुनेलवेली लोकसभा सीट के अंतर्गत छह विधानसभा-पलायमकोट्टाई, अंबासमुद्रम, अलंगुलम,नानगुनेरी, राधापुरम और तिरुनेलवेली हैं. इस लोकसभा में कुल 15,47,800 मतदाता हैं.इनमें पुरुष मतदाताओं की संख्या- 7,87,849 जबकि महिला मतदाताओं की संख्या- 7,59,883 है. यहां थर्ड जेंडर निर्वाचक-68 है. 2019 में यहां कुल मतदान प्रतिशत 67.21% था. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी ने रॉबर्ट ब्रूस, बीजेपी ने नैनार नागेंद्रन, एआईएडीमके ने एम. जानसी रानी और एनटीके ने पी. सत्या को मैदान में उतारा है.
तिरुनेलवेली का अर्थ धान का भंडार
तिरुनेलवेली शहर को नेल्लई और ऐतिहासिक रूप से तिन्नवेल्ली के नाम से भी जाना जाता है.तिरुनेलवेली नाम 3 तमिल शब्दों से मिलाकर बनाया गया. ‘थिरु – नेल – वेलि’ जिसका अर्थ है धान का पवित्र भंडार.थामिराबरानी नदी के किनारे बसा तिरुनेलवेली तमिलनाडु का छठा सबसे बड़ा शहर है.कोर्टलाम मंदिर, मणिमुथार डैम, कोर्टलाम फॉल्स, अगस्तियार फॉल्स, यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं.