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Wednesday, December 4, 2024
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Thrissur Lok Sabha Seat: कांग्रेस CPI की रेस में इस बार किसकी जीत, क्या वाम बदलेगी सत्ता? | lok sabha election 2024 Thrissur Lok Sabha Seat candidate congress cpim bjp


Thrissur Lok Sabha Seat: कांग्रेस-CPI की रेस में इस बार किसकी जीत, क्या वाम बदलेगी सत्ता?

त्रिशूर लोकसभा सीट

केरल के त्रिशूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में साल 2019 के आम चुनावों के दौरान बेहद ही रोमांचक राजनीतिक लड़ाई देखने को मिली थी. अपने राजनीतिक महत्व और जीवंत संस्कृति के लिए जाना जाने वाला त्रिशूर हमेशा से केरल में राजनीतिक चर्चाओं का केंद्र बिंदु रहा है. 2019 के चुनावों में, मुकाबला मुख्य रूप से दो राजनीतिक पार्टियों के बीच देखने को मिला था यानी कांग्रेस और CPI. इसके अलावा बीजेपी भी रेस में शामिल रही.

2019 के आम चुनाव में कांग्रेस (INC) के टी.एन. प्रतापन त्रिशूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से जीते थे. उन्हें कुल 4,15,089 वोट मिले थे, जो डाले गए वोटों का 39.83% हिस्सा था. प्रतापन की प्रभावशाली जीत ने क्षेत्र में कांग्रेस की स्थिति को और मजबूत कर दिया था. टी. एन. प्रतापन के साथ, कई अन्य उम्मीदवारों ने त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र में 2019 का आम चुनाव लड़ा था. चुनाव में उपविजेता भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के राजाजी मैथ्यू थॉमस थे, जिन्होंने 321,456 वोट हासिल किए थे. बीजेपी के सुरेश गोपी ने 293,822 वोट हासिल किए थे. इसके अलावा, NOTA (उपरोक्त में से कोई नहीं) के लिए 4,253 वोट थे, जबकि बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के निखिल चंद्रशेखरन को 2,551 वोट मिले थे.

2014 आम चुनाव परिणाम

वहीं, 2014 के आम चुनाव पर अगर नजर डालें तो CPI के सी.एन. जयदेवन त्रिशूर लोकसभा क्षेत्र से जीते थे. जयदेवन ने 2014 चुनाव में कुल 3,89,209 वोट हासिल किए थे. कांग्रेस ने त्रिशूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से वैसे तो कई बार जीत दर्ज की है लेकिन हर एक चुनाव के बाद उनकी सत्ता उनके हाथ से छिन भी गई.

अगर हम साल 1996 से लेकर 2019 तक के चुनाव पर नजर डाले तो, हर चुनाव में सत्ता पलटती रही है. यानी, 1996 में CPI ने यहां से जीत दर्ज की थी, जिसके बाद 1999 में कांग्रेस जीती थी. फिर 2004 में CPI, 2009 में कांग्रेस, 2014 में CPI और फिर 2019 में कांग्रेस ने यहां से जीत दर्ज की थी. यानी हर चुनाव में सत्ता बदलती रहती है. सिर्फ 1952 से लेकर 1980 तक का समय था जब इस सीट पर लगातार CPI सत्ता पर काबिज रही.

केरल की सांस्कृतिक राजधानी

त्रिशूर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र न केवल चुनावी राजनीति में बल्कि सांस्कृतिक और कलात्मक क्षेत्र में भी बहुत महत्व रखता है. “केरल की सांस्कृतिक राजधानी” के रूप में जाना जाने वाला त्रिशूर अपनी विरासत और सांस्कृतिक दृश्य के लिए बहुत फेमस है. यहां आयोजित सबसे प्रसिद्ध सांस्कृतिक कार्यक्रमों में से एक त्रिशूर पूरम है, जिसे अक्सर “सभी पूरम का पूरम” कहा जाता है.

इसे बहुत उत्साह के साथ मनाया जाता है. यह त्रिशूर और उसके आसपास के विभिन्न मंदिरों को एक साथ लाता है, जिसमें सजे हुए हाथियों, पारंपरिक ताल वाद्य यंत्रों और आतिशबाजी का शानदार प्रदर्शन होता है. ये दुनिया भर से पर्यटकों और उत्साही लोगों को आकर्षित करता है.

त्रिशूर साहित्य में अपने योगदान के लिए भी जाना जाता है, इस क्षेत्र से कई प्रसिद्ध लेखक और कवि आते हैं. साहित्यिक उत्कृष्टता को मान्यता देने वाले वार्षिक केरल साहित्य अकादमी पुरस्कारों में अक्सर त्रिशूर से जुड़े लेखकों की भागीदारी देखी जाती है.



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