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Wednesday, December 4, 2024
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Sundargarh Lok Sabha Seat: सुंदरगढ़ लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने को बेताब BJP, क्या रास्ता रोक पाएगी BJD | Sundargarh Lok Sabha constituency Profile Biju janata dal BJP Congress india elections 2024


Sundargarh Lok Sabha Seat: सुंदरगढ़ लोकसभा सीट पर हैट्रिक लगाने को बेताब BJP, क्या रास्ता रोक पाएगी BJD

Sundargarh Lok Sabha Seat

ओडिशा में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं, ऐसे में यहां पर पूरी तरह से चुनावी माहौल बना हुआ है. राज्य में लोकसभा की 21 सीटें आती हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने बड़ी जीत हासिल करते हुए बीजू जनता दल की पकड़ को झटका दिया था. सुंदरगढ़ जिला अपने घने जंगलों और पहाड़ों के लिए जाना जाता है. जिले की संसदीय सीट पर 2019 के चुनाव में बीजेपी को जीत मिली थी. सुंदरगढ़ लोकसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.

1 जनवरी 1948 को रियासतों के विलय के परिणामस्वरूप, गंगापुर और बोनाई की 2 रियासतों को मिलाकर सुंदरगढ़ जिला बनाया गया. माना जाता है कि यह जिला प्राचीन समय में दक्षिण कोसल के क्षेत्र से जुड़ा हुआ था. कभी यह राज्य संबलपुर के आधिपत्य में था, जो नागपुर के मराठा राजाओं के प्रभुत्व का हिस्सा था. बाद में 1803 में देवगांव संधि के तहत नागपुर के मराठा प्रमुख आर अघुजी भोंसला ने इसे ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया. लेकिन 1806 में विशेष अनुबंध द्वारा उन्हें वापस कर दिया गया. अंततः 1826 में उन्हें फिर सौंप दिया गया. साल 1905 में, उन्हें छोटा नागपुर के कमिश्नर के नियंत्रण से बाहर कर ओडिशा के नियंत्रण में कर दिया गया और वहां पर एक अलग पॉलिटिकल एजेंट नियुक्त कर दिया गया.

जिले की विधानसभा सीट पर किसकी पकड़

सुंदरगढ़ जिला अपनी ऐतिहासिकता के लिए जाना जाता है. यहां पर राउरकेला, वेदव्यास, मानिकमोड़ा, मंदिरा बांध, घोगर और खंडधार आदि जिले के कई अहम ऐतिहासिक स्थल हैं. यह जिला राज्य के उत्तर पश्चिमी क्षेत्र में स्थित है. यह क्षेत्र उत्तर में झारखंड, दक्षिण में झारसुगुड़ा, संबलपुर और देवगढ़ जिलों तथा पूर्व और उत्तर-पूर्व में ओडिशा के क्योंझर, पश्चिमी सिंहभूम जिले तथा झारखंड, पश्चिम और उत्तर-पश्चिम में छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले से घिरा हुआ है.

सुंदरगढ़ जिले के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें राउरकेला सीट ही सामान्य वर्ग के लिए है जबकि शेष 6 सीटें अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. सुंदरगढ़ जिले की इन सातों सीटों में से 3 सीट पर बीजेपी को जीत मिली तो 2 सीटों पर बीजेडी और एक-एक सीट पर कांग्रेस तथा सीपीएम को जीत मिली.

सुंदरगढ़ सीट पर 2019 के चुनाव में क्या

2019 के लोकसभा चुनाव में सुंदरगढ़ संसदीय सीट पर बीजेपी के जुआल ओराम को जीत मिली थी. जुआल ओराम ने चुनाव में 5 लाख से अधिक वोट हासिल किए. उन्हें 500,056 वोट मिले तो बीजू जनता दल की सुनीता बिसवाल को 276,991 वोट तो कांग्रेस की जॉर्ज टिर्की के खाते में 268,218 वोट आए. दूसरे और तीसरे स्थान के लिए बीजेडी तथा कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर रही, जबकि बीजेपी ने 223,065 मतों के अंतर से चुनाव जीत हासिल की.

सुंदरगढ़ संसदीय सीट पर तब के चुनाव में कुल 15,08,886 वोटर्स थे, जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 7,58,024 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 7,50,793 थी. इसमें 11,00,129 (73.8%) वोट डाले गए. चुनाव में NOTA के पक्ष में 13,675 वोट डाले गए.

सुंदरगढ़ संसदीय सीट के राजनीतिक इतिहास को देखें तो यहां पर बीजेपी को लगातार जीत मिलती रही है. बीजेपी के जुआल ओराम पिछले 10 साल से सांसद हैं. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी को जीत मिलती रही है जबकि बीजेडी को यहां पर अब तक जीत नहीं मिल सकी है. 1951 में पहली बार यहां हुए चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी.

सुंदरगढ़ संसदीय सीट का इतिहास

90 के दशक के बाद के चुनाव में सुंदरगढ़ सीट पर कभी कांग्रेस तो कभी बीजेपी को जीत मिलती रही है. 1991 और 1996 के संसदीय चुनाव में कांग्रेस की फ्रिदा टोपनो को जीत मिली थी, लेकिन 1998 के चुनाव में बीजेपी ने इस सीट पर जीत के साथ अपना खाता खोला. जुआल ओराम यहां से सांसद चुने गए. जुआल ओराम ने 1999 और 2004 के संसदीय चुनाव में भी जुआल ओराम ने जीत हासिल करते हुए अपनी हैट्रिक पूरी की.

2009 के चुनाव में जुआल ओराम को हार का सामना करना पड़ा. कांग्रेस के प्रत्याशी हेमानंदा बिसवाल ने कड़े संघर्ष में जुआल ओराम को 11,624 मतों के अंतर से हरा दिया. 2014 के संसदीय चुनाव में बीजेपी ने एक बार फिर जुआल ओराम को मैदान में उतारा. उन्होंने बीजेडी के उम्मीदवार और भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान दिलीप कुमार टिर्की को 18,829 मतों के अंतर से हराया था. कांग्रेस के सांसद हेमानंद बिसवाल तीसरे स्थान पर खिसक गए थे. 2019 के चुनाव में भी बीजेपी ने यह सीट बचाए रखी. जुआल ओराम ने इस बार अपनी बड़ी जीत हासिल की. उन्होंने 2,23,065 मतों के अंतर से बीजेडी को हराया.



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