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Sunday, September 8, 2024
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Shirur Lok Sabha Seat: शिरूर लोकसभा सीट पर रोचक होगा मुकाबला, चाचा के खिलाफ अजीत पवार चल रहे चाल | Shirur constituency maharashtra lok-sabha election 2024 ncp shivsena Sharad Pawar Ajit Pawar Amol Kolhe Shivajirao Adhalarao Patil-stwma


Shirur Lok Sabha Seat: शिरूर लोकसभा सीट पर रोचक होगा मुकाबला, चाचा के खिलाफ अजीत पवार चल रहे चाल

Shirur Loksabha Constituency

महाराष्ट्र की शिरूर लोकसभा सीट साल 2008 में अस्तित्व में आई. इस सीट पर पहला संसदीय चुनाव 2009 में हुआ था. इस सीट पर शुरूआती दी चुनाव साल 2009 और 2014 में शिवसेना ने जीते थे. वर्तमान में यह सीट राष्ट्रीय क्रांति पार्टी के कब्जे में हैं. शिरूर लोकसभा पुणे जिले में आती है और इसमें जिले की 6 विधानसभाएं शामिल हैं. इनमें 5 विधानसभा की सीटों जुन्नर, अंबेगांव, खेड़ आलंदी, शिरुर और हडपसर पर राष्ट्रवादी क्रांति पार्टी का कब्जा है. वहीं, एक सीट भोसरी पर भारतीय जनता पार्टी काबिज है. इस सीट पर प्रमुख लड़ाई शरद पवार और अजीत पवार के गुट की एनसीपी के बीच रहेगी.

महाराष्ट्र में एनसीपी के दो खेमों में बंटने के बाद शिरूर लोकसभा सीट शरद पवार और अजीत पवार के लिए वर्चश्व की लड़ाई होगी.यह सीट पवार परिवार के लिए काफी मायने रखती है. प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने इस सीट से शिवाजीराव अधलराव पाटिल को उम्मीदवार बनाया है. पाटिल हाल ही में शिवसेना को छोड़कर अजीत पवार की एनसीपी में शामिल हुए हैं. वहीं, शरद पवार की ‘एनसीपी’ ने वर्तमान सांसद अमोल कोल्हे पर दाब खेला है. दोनों के बीच मुकाबला रोचक होने वाला है.

शिरूर लोकसभा 2008 में आई अस्तित्व में

शिरूर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव 2009 में हुआ था. यहां से शिवसेना ने जीत दर्ज की थी और शिवाजीराव अधालाराव पाटिल सांसद चुने गए थे. 2014 के चुनाव में भी पाटिल ने शिवसेना के टिकट से चुनाव लड़ा और जीता था. साल 2019 के चुनाव में यह सीट एनसीपी के खाते में चली गई थी. यहां से अमोल कोल्हे सांसद बने जो वर्तमान में काबिज हैं. इससे पहले शिरूर लोकसभा क्षेत्र खेड लोकसभा में आता था. 1957 से साल 2004 तक खेड लोकसभा सीट पर चुनाव हुए. इस सीट पर कांग्रेस का दबदबा रहा और पार्टी ने 9 बार जीत दर्ज की थी. इस सीट पर आखिरी चुनाव 2004 में हुआ था और शिवसेना ने जीत हासिल की थी.

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शिवाजी और संभाजी महाराज से है पहचान

शिरूर लोकसभा क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से काफी महत्तवपूर्ण है. शिवाजी महाराज की जन्मस्थली शिवनेरी और संभाजी महाराज का समाधि स्थल वधु-तुलापुर इसी क्षेत्र में आता है. यहां का प्राचीन रामलिंग मंदिर धार्मिक रूप से प्रख्यात है.शिरूर घोड नदी के किनारे बसा एक नगर है. यह लोकसभा और विधानसभा भी है. शिरूर लोकसभा क्षेत्र में आने वाला जुन्नर में बौद्ध मत की 130 गुफाये हैं. यहां देश की सबसे बड़ी और लंबी गुफा उत्खनन स्थल है. यह चट्टानों को काटकर बनाई गई है और यहां लगभग 30 बौद्ध गुफाओं की एक श्रृंखला है.

इसी संसदीय क्षेत्र में आलंदी शहर है. यहां संत ज्ञानेश्वर की समाधि है. यहीं पर अम्बेकर देशपांडे द्वारा लगभग 1580-1600 में एक मंदिर का निर्माण कराया गया था. लोकसभा क्षेत्र का हडपसर इलाका आईटी उद्योग, शैक्षणिक संस्थानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के लिए प्रसिद्ध है.

राकांपा ने की जीत दर्ज, शिवसेना को हराया

साल 2019 के चुनाव में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने इस सीट पर कब्जा किया. इस चुनाव में शिवसेना ने दो बार के सांसद रहे शिवाजीराव अधालाराव पाटिल पर फिर से भरोसा जताया था. वहीं. राकांपा ने अमोल कोल्हे को टिकट दिया था. अमोल कोल्हे ने यह चुनाव 58 हजार 484 वोटों से जीता था. उन्हें 6 लाख 35 हजार 830 वोट मिले थे. शिवसेना के शिवाजीराव अधालाराव पाटिल को 5 लाख 77 हजार 347 मत प्राप्त हुए थे. इस चुनाव में वीबीए के प्रत्याशी राहुल ओवल को 38 हजार 70 और बसपा के कागदी जमीर खान अफजाल को मात्र 7 हजार 247 ही वोट हासिल हुए थे.

2009 और 2014 में शिवसेना रही काबिज

शिरूर लोकसभा सीट पर पहला चुनाव साल 2009 में हुआ. इसे शिवसेना के शिवाजीराव अधालाराव पाटिल ने 1 लाख 78 हजार 611 वोटों से जीता था. उन्हें 4 लाख 82 हजार 563 वोट मिले थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के विलास विठोबा लांडे को 3 लाख 3 हजार 952 वोट मिले थे. साल 2014 के चुनाव में शिरूर लोकसभा सीट पर 13 प्रत्याशी चुनावी मैदान में उतरे. इनमे मुख्य मुकाबाल शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के बीच हुआ. यह मुकाबला शिवसेना के शिवाजीराव अधालाराव पाटिल ने 3 लाख 1 हजार 814 वोटों से जीता. उन्हें 6 लाख 43 हजार 415 वोट मिले थे. वहीं, राकांपा के देवदत्त निकम को 3 लाख 41 हजार 601 वोट प्राप्त हुए थे. महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के शिर्प्ती खांडेभराड को 36 हजार 448 और बसपा के वाघमारे सरजेराव भीका को 19 हाजर 783 वोट मिले थे.



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