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Sunday, February 9, 2025
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Palakkad Lok Sabha Seat: कांग्रेस का वर्चस्व लेकिन वाम दल भी टक्कर में, क्या इस बार बदलेगा नेतृत्व? | lok sabha election 2024 Palakkad Lok Sabha Seat candidate congress LDF udf nda


Palakkad Lok Sabha Seat: कांग्रेस का वर्चस्व लेकिन वाम दल भी टक्कर में, क्या इस बार बदलेगा नेतृत्व?

पलक्कड़ लोकसभा सीट

केरल का हरा-भरा पलक्कड़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र सांस्कृतिक विरासत और राजनीतिक महत्व से भरपूर माना जाता है. यह निर्वाचन क्षेत्र पारंपरिक कला टेपेस्ट्री के लिए विश्व भर में प्रसिद्ध है. वहीं, केरल के राजनीतिक परिदृश्य से भी इसे एक केंद्र बिंदु के तौर पर देखा जाता है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार पलक्कड़ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में 91.11% लिटरेसी रेट है. मिसाल की बात है कि ग्रामीण क्षेत्र होने के बावजूद यहां इतने पढ़े-लिखे लोग रहते हैं. बात करें राजनीतिक कि तो यह एक अनारक्षित सीट है और इसमें 12.6% अनुसूचित जाति और 2.1% अनुसूचित जनजाति आबादी शामिल है. यह निर्वाचन क्षेत्र पलक्कड़ जिले की भौगोलिक सीमा के भीतर स्थित है, जो अपनी उच्च साक्षरता दर से प्रतिष्ठित है.

पलक्कड़ एक महत्वपूर्ण राजनीतिक युद्धक्षेत्र माना जाता है, जहां कई राजनीतिक दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिलता है. लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF), यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) और नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस (NDA) ने वर्चस्व के लिए जमकर प्रतिस्पर्धा की. कांग्रेस और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) CPI(M) ने ऐतिहासिक रूप से इस क्षेत्र में मजबूत स्थिति बनाए रखी है. 2019 के लोकसभा चुनावों में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (आईएनसी) के वी.के. श्रीकंदन ने कड़े मुकाबले के बाद जीत दर्ज की थी.

विश्व प्रसिद्ध सांस्कृतिक विरासत

पलक्कड़ अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए मनाया जाता है, जिसका उदाहरण कथकली, भरतनाट्यम, तिरुवथिरा, मोहिनीअट्टम, कुचिपुड़ी, पूराकली और चवित्तुनाटकम जैसे पारंपरिक कला शामिल हैं. इसके अलावा, यह क्षेत्र भित्ति चित्रों की एक मजबूत परंपरा का दावा करता है और कूथमबलम का घर है, जो हिंदू मंदिरों से जुड़े पारंपरिक थिएटर हैं. इसे एक कला के रूप में प्रदर्शित किया जाता है.

2019 के आम चुनाव में, कांग्रेस के सदस्य वी के श्रीकंदन कुल 399,274 वोटों के साथ विजयी हुए और मौजूदा संसद सदस्य का पद हासिल किया. यह जीत इस क्षेत्र में कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुई, क्योंकि मतदाताओं के बीच श्रीकंदन की लोकप्रियता और समर्थन जीत दिलाने में सहायक साबित हुआ.

विपक्ष को कितने मिले थे वोट ?

श्रीकंदन के प्रतिद्वंद्वी CPI(M) के एमबी राजेश थे, जिन्होंने एक बहादुर लड़ाई लड़ी और 387,637 वोट हासिल किए. हालांकि, उन्हें दूसरा स्थान मिला. इन उम्मीदवारों के अलावा , भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने कृष्णकुमार सी को मैदान में उतारा, जिन्होंने 218,556 वोट हासिल किए.

चुनाव के बाद, कांग्रेस की जीत से पलक्कड़ लोकसभा क्षेत्र के भीतर राजनीतिक गतिशीलता में एक उल्लेखनीय बदलाव आया. वी के श्रीकंदन के नेतृत्व में, कांग्रेस क्षेत्र में अग्रणी पार्टी बन गई, जिसके पास सत्ता और प्रभाव की सीट थी. इसका मतलब यह था कि निर्वाचन क्षेत्र में विपक्ष में राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) थी, जिसने विपक्षी दल की भूमिका निभाई, जिससे क्षेत्र के राजनीतिक प्रवचन के भीतर एक प्रतिसंतुलन बल प्रदान किया गया. बता दें कि 2019 आम चुनाव में पलक्कड़ निर्वाचन क्षेत्र में उम्मीदवारों को प्राप्त वोटों की कुल संख्या 1,005,467 थी.

वाम दल का रहा है कब्जा

अगर नजर पिछले कुछ आम चुनावों पर डाले तो इस निर्वाचन क्षेत्र में वाम दल, CPI(M) का लंबे समय तक वर्चस्व रहा है. 1996 से लेकर अब तक, यानी 2019 आम चुनाव तक इस सीट पर वाम दल का ही कब्जा रहा है. लगातार जीतते आ रही CPI(M) अपनी गद्दी लंबे समय से बचाए हुए है. लेकिन, सीपीआई एम से पहले यहां कांग्रेस ने भी कई बार जीत दर्ज की है. हालांकि, उनकी पारी को बीच-बीच में विराम मिलता रहा. बात करें बीजेपी को, तो इस निर्वाचन क्षेत्र में पार्टी ने टक्कर तो दी लेकिन कभी जीत नहीं हासिल कर पाए.



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