
नलगोंडा लोकसभा सीट.
तेलंगाना का नलगोंडा लोकसभा क्षेत्र भारत की चुनावी राजनीति में अपना महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2019 के आम चुनावों में यहां बहुत कांटे का मुकाबला देखने को मिला था. कांग्रेस प्रत्याशी उत्तम कुमार रेड्डी ने पिछले चुनाव में सिर्फ 25,682 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. उत्तम कुमार रेड्डी को 5,26,028 वोट मिले थे. उन्होंने BRS (तब TRS) के उम्मीदवार नरसिम्हा रेड्डी को हराया था, जिन्हें 5,00,346 वोट मिले थे. 2019 के लोकसभा चुनाव यहां में 74.11% मतदान हुआ था.
इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. मतदाता लोकतंत्र में वोटों की ताकत दिखाने को तैयार हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में नलगोंडा लोकसभा क्षेत्र से BRS (भारत राष्ट्र समिति) से कांचारला कृष्णा रेड्डी, BJP (भारतीय जनता पार्टी) से सईदा रेड्डी और इंडियन नेशनल कांग्रेस से रघुवीर कुंडुरु प्रमुख उम्मीदवार हैं.
नलगोंडा लोकसभा सीट तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से एक है. यह सीट तेलंगाना के नलगोंडा जिले के अंतर्गत आती है. लगातार इस सीट पर तीन बार से कांग्रेस ही जीत रही है. 2009 और 2014 में कांग्रेस की तरफ से गुथा सुकेंद्र रेड्डी ने इस सीट पर जीत दर्ज की थी, जबकि 2019 में कांग्रेस के ही नालामाडा उत्तम कुमार रेड्डी ने जीत दर्ज की थी. इस लोकसभा सीट के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं. हैदराबाद से नलगोंडा की सिर्फ 104 किलोमीटर है.
पहली बार कम्यूनिस्ट पार्टी ने दर्ज की थी जीत
देश में जब पहली बार लोकसभा के चुाव हुए थे, तब इस सीट पर कम्यूनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार रवि नारायण रेड्डी ने जीत हासिल की थी. यह क्षेत्र नीलगिरी पर्वतों से घिरा हुआ है, यही कारण है कि इस क्षेत्र का नाम नलगोंडा पड़ा. इसी लोकसभा क्षेत्र में कृष्णा नदी पर निर्मित नागार्जुन बांध है, जिसकी देश-विदेश में काफी चर्चा होती है. अशोक महान के शासनकाल के दौरान मौर्यों ने नलगोंडा क्षेत्र पर नियंत्रण बनाए रखा था. हालांकि बाद में सात वाहनों ने इस पर कब्जा कर लिया. नलगोंडा में स्वामी रामनंद तीर्थ विज्ञान, प्रौद्योगिकी संस्थान और महात्मा गांधी विश्वविद्यालय है.
2019 में कांग्रेस प्रत्याशी ने दर्ज की थी जीत
नलकोंडा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभआ सीटें आती हैं, जिसमें देवराकोंडा, नागार्जुन सागर, मिर्यालागुदा, हुजूरनगर, कोडाद, सूर्यापेट और नलगोंडा विधानसभा सीटें शामलि हैं. इस लोकसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या करीब 16 लाख है. 2019 में कुल 11 लाख 75 हजार 703 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसमें पुरुष मतदाता 5,85,803 और महिला मतदाता 5,88,944 थीं. कांग्रेस के नालामाडा उत्तम कुमार रेड्डी को 5,26,028 वोट मिले थे.
कैसे पड़ा नलगोंडा नाम?
बात अगर नलगोंडा लोकसभा क्षेत्र की करें तो यह तेलंगाना का एक ऐतिहासिक नगर है. इतिहास की कुछ महत्त्वपूर्ण धरोहरों के कारण यह स्थान काफी प्रसिद्ध है. तेलुगु भाषा में नीलगिरी का पर्याय ‘नलगोंडा’ होता है. यही कारण है कि इसक नाम नलगोंडा पड़ा. इसी लोकसभा क्षेत्र में मुगल बादशाह औरंगजेब की बनवाई हुईं दो मस्जिदें भी हैं. एक पहाड़ी पर प्राचीन शिव मंदिर है, जिसका ध्वजस्तंभ 44 फुट ऊंचा है.
कृष्णा नदी पर बना नागार्जुन सागर बांध
इस लोकसभा क्षेत्र से होकर कृष्णा नदी बहती हैं. यहीं कृष्णा नदी पर नागार्जुन सागर बांध बना है. यह बांध सिंचाई के लिए प्रयुक्त होने वाला एक प्रमुख बांध है. खास बात यह है कि यह बांध पत्थरों से बनाया हुआ है. यह पत्थरों से बना यह दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे ऊंचा बांध है. बांध के पास बने टापू, जिसे नागार्जुनकोडा कहा जाता है. यहीं पर तीसरी ईसवी के बौद्ध सभ्यता के कुछ अवशेष भी मिले थे.
नलगोंडा जिले की ये प्रमुख नदियां, जो किसानों के लिए वरदान!
नलगोंडा के दक्षिण में कृष्णा नदी बहती है. मुसी नदी उत्तर-पश्चिम से नलगोंडा जिले में प्रवेश करती है और अलायर नदी में मिल जाती है. यह आगे 100 किलोमीटर तक बहती है और कृष्णा नदी में मिल जाती है. कृष्णा, मुसी नदी, अलेरू, पेद्दावागु, डिंडी हलिया नदी और पलेरू नदियां नलगोंडा जिले से होकर बहती हैं. इस वजह से यहां किसानों कृषि के लिए पानी आसानी से मिलता रहता है. नलगोंडा जिले में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें धान, ज्वार, बाजरा, तिल, मूंगफली, लाल चना, हरा चना, अरंडी, मिर्च और कपास हैं. आम और खट्टे फल बागवानी करने वालों द्वारा उगाए जाते हैं.