नागपट्टिनम रहा है वामपंथ का गढ़
देश के 543 और तमिलनाडु के 26 लोकसभा क्षेत्र में से एक नागपट्टिनम लोकसभा सीट है. यह लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है. पहले नागपट्टिनम लोकसभा क्षेत्र वामपंथियों का गढ़ कहा जाता था. यहां अबतक हुए कुल 17 चुनावों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने सात बार जीत दर्ज की है. इसके बाद अब डीएमके और एआईएडीएमके ने अपना-अपना प्रभुत्व जमा लिया. वर्तमान में यहां भाकपा के एम. सेल्वारासु सांसद हैं. एम. सेल्वारासु ने 2019 में एआईएडीएमके के एम. सरवनन को हराया है. एम. सेल्वारासु को जहां 52.40% मत मले थे वहीं अन्नाद्रमुक के एम. सरवनन 31.22% मत मिले. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय सेनगोडी को 7.05% वोट मिले. वहीं चौथै स्थान पर रहे एनटीके के पी. मलाथी को 5.16% वोट मिले. पांचवे स्थान पर एमएनए के, के. गुरुविया रहे उन्हें 1.45% वोट मिले.
2019 में भाकपा उम्मीदवार सेल्वारासु ने एम. एम. सरवनन को 2,11,353 वोटों से हराया था. सेल्वारासु को जहां 522,892 वोट मिले वहीं अन्नाद्रमुक के एम. सरवनन को 3,11,539 वोट जबकि तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय सेनगोडी को 70307 वोट मिले थे. जबकि एनटीके के पी मलाथी को 51,448 वोट मिले.
2014 में एआईएडीएमके की जीत
इससे पहले 2014 में एआईएडीएमके के डॉ. के. गोपाल ने जीत दर्ज की थी . डॉ. के. गोपाल ने द्रमुक के डॉ एकेएस विजयन को 1,06,079 वोटों से हराया था. तीसरे स्थान पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के जी पलानीसामी थे उन्हें 90,313 वोट मिले थे, चौथे स्थान पर पीएमके के वडिवेल रावणन को 43506 वोट मिले थे जबकि पांचवे स्थान पर 2014 में कांग्रेस पार्टी के थलाई टीएपी सेंथिलपांडियन थे उन्हें तब महज 23967 वोट मिले थे.
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नागपट्टिनम का चुनावी इतिहास
नागपट्टिनम में 1957 में हुए पहले चुनाव में कांग्रेस पार्टी के एम. अय्याकन्नु ने जीत दर्ज की थी. इसके बाद 1962 में कांग्रेस पार्टी के ही गोपालसामी थेनकोंदर ने जीत दर्ज की, 1967 में कांग्रेस के वी. साम्बशिवन ने जीत दर्ज की. इसके बाद 1971, 1977 और 1979 में लगातार तीन बार भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी ने जीत दर्ज की. 1980 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के करुणानिधि थझाई यहां के सांसद बने.1984 में अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एम. महालिंगम, 1989 में भाकपा के एम. सेल्वारासु, 1991 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पद्मा, 1996 और 1998 में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के एम. सेल्वारासु यहां के सांसद बने. इसके बाद 1999, 2004 और 2009 में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम के एकेएस विजयन नागपट्टिनम के सांसद बने.
नागपट्टिनम का वोट गणित
नागापट्टिनम तमिलनाडु का एक तटीय जिला और लोकसभा क्षेत्र है. यह 19 अक्टूबर 1991 को तंजावुर जिले से अलग होकर नागापट्टिनम जिले के रूप में अस्तित्व में आया. इस लोकसभा क्षेत्र के अन्तर्गत छह विधानसभा – वेदारणयम, नन्निलम,किलवेलूर,थिरुवरुर, थिरुथुराईपूंडी और नागपट्टिनम सीट शामिल है.2011 की जनगणना के अनुसार, नागापट्टिनम की आबादी 6,97,069 है. यहां कुल 13,03,649 मतदाता है जिसमें पुरुष मतदाताओं की सख्या 6,60,170, महिला मतदाताओं की संख्या 6,43,439 है जबकि थर्ड जेंडर निर्वाचक की संख्या 40 है. 2019 में यहां कुल मतदान प्रतिशत 76.88% था. 2024 लोकसभा चुनाव के लिए भाकपा ने वी.सेल्वराज को उम्मीदवार बनाया है. जबकि अन्नाद्रमुक ने जी सुरजीत शंकर, बीजेपी ने एसजीएम रमेश, एनटीके ने एम कर्तिका को मैदान में उतारा है.
मछली और पर्यटन मुख्य व्यवसाय
नागापट्टिनम अपने धार्मिक धरोहरों के लिए जाना जाता है. यह शहर नागानाडु, चोलाकुला, वल्लीपट्टिनम शिव राजधानी जैसे नामों से भी जाना जाता है. यहां के बंदरगाह भारत के सबसे समृद्ध बंदरगाहों में गिने जाते हैं.नागोर दरगार, वेलनकन्नी, कूथनूर,कोडिक्कराई, तरंगबाडी, मन्नारकुडी औरसिक्कल यहां के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल हैं. मछली और पर्यटन शहर के लिए एक महत्वपूर्ण व्यवसाय है.