मेडक लोकसभा सीट.
तेलंगाना का मेडक लोकसभा क्षेत्र देश की चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2019 के आम चुनावों में यहां BRS (भारत राष्ट्र समिति) के प्रत्याशी कोथा प्रभाकर रेड्डी ने 3,16,427 मतों के अंतर से जीत दर्ज की थी. कोथा प्रभाकर रेड्डी को 5,96,048 वोट मिले थे. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी अनिल कुमार को हराया था, जिन्हें 2,79,621 वोट मिले थे. इस लोकसभा क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में 71.72% मतदान हुआ था.
इस बार यानि 2024 के लोकसभा चुनाव में मतदाताओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. वे लोकतंत्र में वोटों की ताकत दिखाने को तैयार हैं. 2024 के लोकसभा चुनाव में मेडक लोकसभा सीट से BRS से पी. वेंकटराम रेड्डी, बीजेपी से माधवनेनी रघुनंदन राव और कांग्रेस से नीलम मधु मैदान में हैं.
कांग्रेस का गढ़ रही है मेडक लोकसभा सीट
मेडक लोकसभा सीट तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से एक है. 1957 में अपनी स्थापना के बाद से मेडक सीट कांग्रेस का गढ़ रही है. हालांकि विभिन्न आम चुनावों में तेलंगाना प्रजा समिति, BJP और तेलुगु देशम पार्टी जैसे विभिन्न राजनीतिक दलों ने भी इस सीट पर जीत दर्ज की है. BRS (भारत राष्ट्र समिति) के गठन के बाद इस सीट पर तीन आम चुनावों में तीन अलग-अलग उम्मीदवारों ने जीती है, जिनमें BRS चीफ व पूर्व मुख्यमंत्री के.चंद्रशेखर राव, अभिनेत्री विजयशांति और कोठा प्रभाकर रेड्डी शामिल हैं.
मेडक लोकसभा सीट पर जब पहली बार 1952 में चुनाव हुआ था तो पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट के प्रत्याशी एनएम जयसूर्या ने इस सीट पर जीत हासिल की थी. मेडक में देश का सबसे बड़ा नियोक्ता आयुध निर्माणी बोर्ड का आयुध कारखाना है. यह भारतीय सशस्त्र बलों के लिए उत्पादों का निर्माण करता है. यहां प्रसिद्ध पोचरम वन्यजीव अभयारण्य है. यहां स्थित मेडक का किला और चर्च लोकप्रिय स्थान हैं. यह लोकसभा क्षेत्र हैदराबाद से 94 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
2019 में मेडक प्रत्याशी ने दर्ज की थी जीत
मेडक लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें सिद्दीपेट, मेडक, नरसापुर, संगारेड्डी, पाटनचेरु, दुब्बाक और गजवेल विधानसभा क्षेत्र शामिल हैं. मेडक लोकसभा क्षेत्र में कुल मतदाता करीब आठ लाख हैं. 2019 में कुल 11,50,223 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, जिसमें पुरुष मतदाता 5,81,947 और महिला मतदाता 5,67,533 थीं. BRS के कोठा प्रभाकर रेड्डी को जीत हासिल हुई थी.
‘मेथुकु’ नाम से भी जाना जाता था मेडक
मेडक नाम से ही लोकसभा और विधानसभा क्षेत्र भी है. मेडक क्षेत्र को कुतुबशाहियों ने हरी-भरी हरियाली के कारण गुलशनाबाद नाम दिया गया था. मेडक जिला भी मुख्यालय है, जिले की सीमा संगारेड्डी, कामारेड्डी, सिद्दीपेट और मेडचल जिलों से लगती है. यह जिला 2,740.89 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है. मेडक को मूल रूप से मेथुकुदुर्गम के नाम से जाना जाता था, जो बाद में इस क्षेत्र में बारीक और मोटे चावल की खेती के कारण मेथुकु में बदल गया.
मुगलों के कब्जे में भी रहा मेडक
मेडक जिला काकतीय साम्राज्य से बहमनी साम्राज्य और बाद में गोलकुंडा साम्राज्य का हिस्सा बन गया. अंततः कुतुबशाही वंश के पतन पर इसे मुगल साम्राज्य में मिला लिया गया. आसिफ जाही द्वारा हैदराबाद राज्य के गठन के दौरान इस जिले को अलग कर दिया गया और निजाम के प्रभुत्व में शामिल कर लिया गया. राज्यों के पुनर्गठन की योजना के तहत अंततः एक नवंबर 1956 से यह आंध्र प्रदेश का हिस्सा बन गया.
पहले निजाम रियासत का हिस्सा था मेडक
मेडक जिले की सीमाएं संगारेड्डी, कामारेड्डी, सिद्दीपेट और मेडचल-मलकजगिरि जिलों से लगती हैं. 20वीं सदी में मेडक जिला आजादी से पहले निजाम रियासत का हिस्सा था और स्वतंत्र भारत में हैदराबाद राज्य में विलय हो गया और वर्तमान में तेलंगाना का एक जिला है. कुतुब शाहियों ने इसकी सुस्वादु हरियाली के कारण इसका नाम ‘गुलशनाबाद’ रखा, जिसका अर्थ है ‘बगीचों का शहर’.
मेडक का पर्यटन स्थल प्रसिद्ध
मेडक जिले में देखने और निहारने के लिए विभिन्न रोमांचक दृश्य हैं. जिले में कई पर्यटन स्थल हैं, जो साल भर पर्यटकों को आकर्षित करते हैं. यहां के पर्यटन स्थलों में प्राचीन स्मारक, धार्मिक स्थल और पशु अभ्यारण्य हैं. मेडक किला और मेडक चर्च वास्तुकला की उत्कृष्टता का प्रतीक है. मेडक में वन्यजीव अभयारण्य भी एक अन्य प्रमुख पर्यटक आकर्षण है. यहां तेंदुए, जंगली बिल्लियां, सांभर, चार सींग वाले मृग और कई अन्य दुर्लभ प्रजातियों के जानवर हैं.
मेडक का वीरभद्र स्वामी मंदिर
मेडक के मंदिर स्थापत्य शैली की दृष्टि से आकर्षक हैं. इस क्षेत्र के कुछ प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिसमें वीरभद्र स्वामी मंदिर, श्री काशी विश्वेश्वर मंदिर और मेडक के एडुपैलु क्षेत्र में मंदिर. चूंकि मेडक जिला कई दर्शनीय दृश्यों से समृद्ध है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि मेडक जिला पर्यटकों के लिए स्वर्ग है. हालांकि मेडक एक छोटा जिला है, फिर भी यह रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है और कई ऐतिहासिक और धार्मिक पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है.