मल्काजगिरि लोकसभा सीट.
तेलंगाना का मल्काजगिरि लोकसभा क्षेत्र देश की चुनावी राजनीति में महत्वपूर्ण स्थान रखता है. 2019 के आम चुनावों में यहां कांटे की टक्कर देखने को मिली. वर्तमान में तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में 10,919 मतों के अंतर से जीत दर्ज़ किया. रेवंत रेड्डी को 6,03,748 वोट मिले थे. उन्होंने BRS (भारत राष्ट्र समिति) के उम्मीदवार एम. राजा शेखर रेड्डी को हराया था, जिन्हें 5,92,829 वोट मिले थे. इस लोकसभा क्षेत्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में 49.53% मतदान हुआ था.
इस बार 2024 के लोकसभा चुनाव में भी मतदाताओं में खासा उत्साह है. वे लोकतंत्र में वोटों की ताकत दिखाने को तैयार हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में मल्काजगिरि लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से BRS से रागिदी लक्ष्मा रेड्डी, बीजेपी से इटेला राजिंदर और कांग्रेस से सुनीता महेंदर रेड्डी प्रमुख उम्मीदवार हैं.
2009 में इस सीट पर पहली बार हुआ चुनाव
मल्काजगिरि लोकसभा सीट तेलंगाना की 17 लोकसभा सीटों में से एक है. साथ ही मतदाताओं की संख्या के हिसाब से यह देश की सबसे बड़ी लोकसभा सीट है. इस लोकसभा क्षेत्र में करीब 32 लाख मतदाता हैं. इस सीट पर 2019 के चुनाव में रेवंत रेड्डी ने कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज की थी. फिलहाल इस समय रेवंत रेड्डी तेलंगाना के मुख्यमंत्री हैं. मल्काजगिरि लोकसभा क्षेत्र में सात विधानसभा सीटें आती हैं. यह सीट भी 2008 में पहली बार अस्तित्व में आई थी.
2009 के चुनाव में इस सीट पर कांग्रेस के सरवे सत्यनारायण सांसद चुने गए थे. 2014 में तेलुगु देशम पार्टी की मल्ला रेड्डी सांसद चुनी गईं, जबकि 2019 में कांग्रेस के रेवंत रेड्डी सांसद बने. अब तक इस सीट पर तीन बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं, जिसमें दो बार कांग्रेस और एक बार तेलुगु देशम पार्टी को जीत मिली. मल्काजगिरि मेडचल-मल्काजगिरि जिले में सिकंदराबाद शहर का एक क्षेत्र है. मल्काजगिरि राजधानी हैदराबाद से सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
सबसे अधिक मतदाताओं वाली सीट
मल्काजगिरि लोकसभा क्षेत्र में कुल सात विधासनभा सीटें आती हैं, जिसमें मेडचाल, मल्काजगिरि, कुथबुल्लापुर, कुकटपल्ली, उप्पल, लाल बहादुर नगर और सिकंदराबाद कैंट विधानसभा सीटें शामिल हैं. इस सीट पर कुल मतदाताओं की संख्या 31 लाख 50 हजार 303 है. 2019 में कुल 15 लाख 63 हजार 63 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था, जिनमें से कुल पुरुष मतदाता 8,23,072 और महिला मतदाता 7,38,294 थीं. कांग्रेस के विजयी प्रत्याशी रेवंत रेड्डी को 6,03,748 वोट मिले थे.
मेडचल-मल्काजगिरि जिले में आता है यह क्षेत्र
मल्काजगिरि को मल्लिकार्जुन गिरि के नाम से भी जाना जाता है. यह तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद का एक उपनगर है. मल्काजगिरि लोकसभा मेडचल-मल्काजगिरि जिले में आती है. मल्काजगिरि ग्राम पंचायत को 1965 में नगर पालिका में अपग्रेड किया गया था. इसके 20 साल बाद सन् 1985 में इसे नगर निगम बना दिया गया. 2007 में फिर इसे ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में विलय कर दिया गया. मेडचल-मलकजगिरि के जिला बनने से पहले यह रंगा रेड्डी जिले का एक हिस्सा था. मल्काजगिरि मंडल विभाजन से पहले बहुत बड़ा हुआ करता था. इसमें दो नगर पालिका मल्काजगिरि और अलवाल नगर पालिका शामिल थीं.
मल्काजगिरि का क्या है इतिहास?
मल्काजगिरि का प्राचीन नाम मल्लिकार्जुन गिरि था. इसका नाम मल्लिकार्जुन स्वामी मंदिर के नाम पड़ा था. बाद में इसे मल्काजगिरि कर दिया गया. मल्काजगिरि में एक किला भी था, जो अब खंडहर में तब्दील हो गया है. पुराने मल्काजगिरि क्षेत्र में हमें वॉच टॉवर देखने को मिल जाएंगे. यहां कई प्रसिद्ध झीलें हैं, जिसमें सफिलगुडा नादिमी चेरुवु, सफिलगुडा बांदा चेरुवु, रामकृष्णपुरम मुनकिडिगन चेरुवु हैं. मल्काजगिरि का मौला-अली इतिहास से अच्छा संबंध है.
मेडचाल मलकाजगिरि को कब बनाया गया था जिला?
मेडचाल मलकाजगिरि जिले का इतिहास 2016 से शुरू होता है, जब इसका निर्माण हुआ था. इसे 11 अक्टूबर 2106 को रंगारेड्डी जिले से निकालकर बनाया गया था, लेकिन मेडचाल अभी भी हैदराबाद विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आता है. मेडचाल मल्काजगिरि जिले के उत्तर में मेडक जिला और सिद्दिपेट जिला है, पूर्व में यदाद्रि भुवनगिरि जिला है, दक्षिण रंगारेड्डी जिला है, दक्षिण पश्चिम में हैदराबाद जिला है और पश्चिम में संगारेड्डी जिला है.