जादवपुर संसदीय सीट पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता से सटा हुआ इलाका है. यह क्षेत्र कोलकाता के दक्षिण में स्थित है और एक प्रमुख शैक्षणिक और आर्थिक केंद्र के रूप में माना जाता है. यहां जादवपुर यूनिवर्सिटी है, जो भारत की प्रमुख विश्वविद्यालयों में से एक है. यह विश्वविद्यालय विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा प्रदान करता है और अपने अद्वितीय शैक्षणिक प्रक्रिया के लिए प्रसिद्ध है. जादवपुर का इंजीनियरिंग कॉलेज का देश के शिक्षण संस्थानों में काफी नाम है. जादवपुर यूनिवर्सिटी लेफ्ट समर्थित छात्रों के आंदोलन के लिए भी कुख्यात रहा है.
जादवपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र पश्चिम बंगाल के सबसे महत्वपूर्ण लोकसभा क्षेत्रों में से एक है. राजनीतिक पार्टियों ने सदा से ही महत्वपूर्ण उम्मीदवारों को हमेशा यहां खड़ा किया है. यह केंद्र कभी सीपीआईएम का गढ़ था. साल 2009 में तृणमूल कांग्रेस ने माकपा के गढ़ पर कब्जा कर लिया. अभिनेत्री मिमी चक्रवर्ती जादवपुर से वर्तमान सांसद थीं. वह 2019 में तृणमूल कांग्रेस के लिए लोकसभा उम्मीदवार बनीं, लेकिन हाल ही में उन्होंने सांसद पद से इस्तीफा दे दिया. उस सीट से तृणमूल कांग्रेस ने सयानी घोष को उम्मीदवार बनाया है.
यह लोकसभा सीट राजनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस सीट से बंगाल की वर्तमान सीएम ममता बनर्जी ने अपना संसदीय जीवन शुरू किया था और लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी को पराजित किया था. यहां से सोमनाथ चटर्जी और इंद्रजीत गुप्त सांसद रह चुके हैं.
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जादवपुर लोकसभा सीट से सीपीआई (एम) सृजन भट्टाचार्य, टीएमसी ने सयानी घोष, बीजेपी डॉ अनिर्बान गांगुली और एसयूसीआई ने कल्पना दत्ता को उम्मीदवार बनाया है.
जानें जादवपुर लोकसभा सीट का सामाजिक ताना-बाना
जादवपुर लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत सात विधानसभा क्षेत्र आते हैं. दक्षिण चौबीस परगना जिले में स्थित ये विधानसभा क्षेत्र हैं – बारुईपुर पूर्व और पश्चिम, सोनारपुर उत्तर और दक्षिण, जादवपुर, टालीगंज और भांगड़. भांगड़ में आईएसएफ के नौशाद सिद्दीकी को छोड़कर सभी विधानसभा सीटों पर टीएमसी का कब्जा है.
जादवपुर लोकसभा क्षेत्र में लगभग 22 लाख 73 हजार 479 लोग रहते हैं. इसमें से 42.24 प्रतिशत लोग गांवों में और 57.76 प्रतिशत लोग शहरों में रहते हैं.
साल 2019 के चुनाव में जीती थीं मिमी चक्रवर्ती
2019 के लोकसभा चुनाव में तृणमूल उम्मीदवार मिमी चक्रवर्ती ने कुल 6 लाख 88 हजार 472 वोट पाकर जीत हासिल की, जबकि मतदान दर 47.91 फीसदी रही थी. अनुपम हाजरा बीजेपी के उम्मीदवार थे. उन्हें 3 लाख 93 हजार 233 वोट मिले. मतदान प्रतिशत 27.3 प्रतिशत रहा था. विकास रंजन भट्टाचार्य सीपीआईएम के उम्मीदवार बने. उन्हें 3 लाख 2 हजार 264 वोट मिले. मतदान प्रतिशत 21.04 प्रतिशत रहा था.
2014 लोकसभा में टीएमसी ने मारी थी बाजी
2014 में जादवपुर निर्वाचन क्षेत्र से तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार सुगाता बोस जीते थे. उन्हें कुल 5 लाख 84 हजार 244 वोट मिले. मतदान प्रतिशत 40.66 प्रतिशत रहा था.
सीपीआई (एम) उम्मीदवार सुजन चक्रवर्ती दूसरे स्थान पर रहे. उन्हें 4 लाख 59 हजार 41 वोट मिले. उनका वोट शेयर 31.95 फीसदी रहा. स्वरूप प्रसाद घोष बीजेपी के उम्मीदवार थे. उन्हें 1 लाख 55 हजार 511 वोट मिले. सिर्फ 10.82 फीसदी वोट मिले.
2009 में तृणमूल कांग्रेस ने पहली बार जादवपुर सीट जीती थी. गायक कबीर सुमन उम्मीदवार बने थे. उन्हें कुल 5 लाख 40 हजार 667 वोट मिले. मतदान प्रतिशत 37.63 प्रतिशत रहा था.
सीपीआईएम उम्मीदवार सुजन चक्रवर्ती को दूसरा स्थान मिला था. उन्हें 4 लाख 84 हजार 400 वोट मिले. उन्हें 33.71 फीसदी वोट मिले थे. सनथ भट्टाचार्य बने बीजेपी के उम्मीदवार. सिर्फ 25 हजार 331 वोट मिले. मतदान प्रतिशत 1.76 प्रतिशत रहा था.
जानें जादवपुर का चुनावी इतिहास
जादवपुर पश्चिम बंगाल के प्रसिद्ध राजनीतिक हस्तियों का केंद्र रहा है. साल 1984 में बंगाल की वर्तमान सीएम ममता बनर्जी ने माकपा के हैवीवेट नेता सोमनाथ चटर्जी को पराजित कर अपना संसदीय जीवन का करियर शुरू किया था. सोमनाथ चटर्जी को पराजित करने पर ममता बनर्जी अचानक बंगाल की राजनीति का बड़ा नाम बन गई थीं. इस लोकसभा सीट से लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष सोमनाथ चटर्जी ने 1977 से 1980 और 1980 से 1984 तक सांसद रहे थे. इसके पहले लोकसभा के पूर्व अध्यक्ष इंद्रजीत गुप्त इस लोकसभा सीट से पांच बार सांसद निर्वाचित हुए हैं.