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Saturday, February 15, 2025
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Bhadrak Lok Sabha Seat: भद्रक लोकसभा सीट पर 26 साल से BJD का कब्जा बरकरार, क्या खाता खोल पाएगी BJP | Bhadrak Lok Sabha constituency Profile Biju janata dal BJP Congress india elections 2024


ओडिशा अपनी खूबसूरती के लिए दुनियाभर में जाना जाता है. राज्य के कई शहरों की भी अपनी खासियत रही है. ओडिशा का एक जिला भद्रक जिसके नाम में ही आध्यात्मिकता की झलक मिलती है. ऐसी मान्यता है कि भद्रक का नाम यहां की अधिष्ठात्री देवी भद्रकाली के नाम पर रखा गया है, जो शहर की धार्मिक भावना को दर्शाता है. जिले की भद्रक संसदीय सीट पर बीजू जनता दल का कब्जा है और भारतीय जनता पार्टी की कोशिश यहां पर सेंध लगाते हुए पहली बार जीत हासिल करने की होगी. यह सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित है.

भद्रक जिला ओडिशा राज्य का एक अहम जिला है. जिले का नाम भद्रक शहर के नाम पर रखा गया है, जो जिला मुख्यालय भी है. यह जिले के रूप में एक अप्रैल 1993 को अस्तित्व में आया. जिले की समृद्ध विरासत और इतिहास रहा है. किंवदंतियों के अनुसार, इस शहर का नाम देवी भद्रकाली के नाम पर पड़ा है और इनका मंदिर सालंदी नदी के तट पर स्थित है. हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान जगन्नाथ के बड़े भाई बलभद्र खेती के देवता हैं. प्राचीन काल में भद्रक खेती के लिए भी प्रसिद्ध था. इसलिए इसका नाम बलभद्रक्षेत्र या भद्रक्षेत्र या भद्रक रखा गया होगा. यह जिला उत्तर में बालासोर, दक्षिण में जाजपुर और बैतरणी नदी, पश्चिम में क्योंझर जिला और पूर्व में बंगाल की खाड़ी तथा केंद्रपाड़ा जिले से घिरा हुआ है. यह जिला 2,505 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है.

2019 के चुनाव में क्या रहा परिणाम

अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित भद्रक लोकसभा सीट के तहत 7 विधानसभा सीटें आती हैं जिसमें 2 जिलों की विधानसभा सीटें शामिल की गई हैं. 7 सीटों में से 6 सीटों पर बीजेडी का कब्जा है तो एक सीट बीजेपी के पास गई. 2019 के संसदीय चुनाव में भद्रक सीट के चुनाव परिणाम को देखें तो यहां पर त्रिकोणीय मुकाबला दिखा. बीजेडी की मंजूलता मंडल को कड़े संघर्ष के बाद जीत मिली थी.

मंजूलता मंडल को चुनाव में 512,305 वोट मिले तो बीजेपी के अभिमन्यु सेठी के खाते में 483,502 वोट आए. तीसरे स्थान पर कांग्रेस की उम्मीदवार मधुमिता सेठी रहीं और उन्हें 207,811 वोट मिले. कड़े संघर्ष के बाद मंजूलता को 28,803 मतों के अंतर से जीत मिली. तब के चुनाव में यहां पर 15,83,464 वोटर्स थे जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या थी, जिसमें पुरुष वोटर्स की संख्या 8,27,198 थी तो महिला वोटर्स की संख्या 7,56,192 थी. इसमें से करीब 78 फीसदी यानी 12,23,754 वोटर्स ने वोट डाले. चुनाव में NOTA के पक्ष में 6,536 वोट पड़े.

भद्रक सीट का संसदीय इतिहास

भद्रक संसदीय सीट के राजनीतिक इतिहास के अनुसार कभी यह सीट कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी. अब यह बीजू जनता दल का गढ़ बन चुका है. 1990 के बाद की यहां की राजनीति को देखा जाए तो 1991 के लोकसभा चुनाव में जनता दल के अर्जुन चरण सेठी ने जीत हासिल की थी. लेकिन 1996 में कांग्रेस के मुरलीधर जेना यहां से सांसद चुने गए.

लेकिन 1998 के चुनाव से यहां पर जीत का समीकरण बदल गया. तब नवगठित बीजू जनता दल ने यहां से अपनी जीत का जो सिलसिला शुरू किया वो आज तक बरकरार है. 1998 में जनता दल से आए पूर्व सांसद अर्जुन चरण सेठी ने बीजेडी के टिकट पर जीत हासिल की. 1999 में वह फिर से चुने गए. 2004, 2009 और 2014 के चुनाव में भी अर्जुन चरण सेठी ही विजयी रहे. वह इस सीट पर लगातार 5 बार और कुल 8 बार सांसद चुने गए.

2024 में कड़ा होगा मुकाबला

अर्जुन चरण सेठी पहले कांग्रेस में थे, फिर वह जनता दल में आए, और बाद में वह बीजेडी में शामिल हो गए. लेकिन 2019 के चुनाव से पहले वह भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए. इस सीट से उनके बेटे अभिमन्यु सेठी 2019 के चुनाव में मैदान में उतरे, लेकिन उन्हें बीजेडी की मंजूलता मंडल के हाथों 28,803 मतों के अंतर से हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में इस बार मुकाबला कांटे का रहने वाला है. बीजेपी ने फिर से अभिमन्यु सेठी को यहां से टिकट दिया है.

अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व भद्रक संसदीय सीट पर 2011 की जनगणना के मुताबिक, जिले की कुल आबादी 1,506,337 थी. जिले में अनुसूचित जाति की कुल आबादी 2,86,723 थी जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 25,141 है. यहां पर ओबीसी लोगों की आबादी 15,142 है.



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