दुनिया में किसी ने नहीं सोचा था कि विदेशी निवेशक भारत के बाजार पर इतना मेहरबान होंगे. जी हां, ऐसा हुआ और बीते 5 साल में दूसरी बार ऐसा हुआ. जिससे चीन के भी होश उड़ गए. किसी भी फाइनेंशियल में बीते पांच 5 साल में दूसरी बार ऐसा मौका आया है जब विदेशी निवेशकों ने भारत के शेयर बाजार में 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. खास बात तो ये है कि इस फाइनेंशियल ईयर में सिर्फ निवेशक इक्विटी मार्केट में ही मेहरबान नहीं हुए. बल्कि डेट एंव बॉन्ड मार्केट में भी खूब पैसा बहाया है. इस दौरान निवेशकों ने बॉन्ड मार्केट में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया है. पिछले एक साल से भले ही ग्लोबल सेंटीमेंट खराब हों. लेकिन भारत की मजबूत आर्थिक बुनियाद के चलते विदेशी निवेशकों ने वित्त वर्ष 2023-24 में भारतीय शेयर बाजार में जबरदस्त खरीदारी की है.आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर किस तरह के आंकड़ें देखने को मिल रहे हैं.
पांच साल में दूसरी बार हुआ ऐसा
बीते पांच फाइनेंशियल ईयर में दूसरी बार ऐसा देखने को मिला है कि जब विदेशी निवेशकों ने 2 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा केा निवेश किया है. एनएसडीएल के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार में 2,08,212 करोड़ रुपए निवेश किया है. इससे पहले ये आंकड़ा वित्त वर्ष 2020-21 में देखने को मिला था. उस समय में विदेशी निवेशकों ने वित्त वर्ष में 2,74,032 करोड़ रुपए का निवेश किया था. बीते 30 साल में विदेशी निवेशकों की ओर से ये रिकॉर्ड निवेश है. अगर बात वित्त वर्ष के आखिरी कारोबारी महीने की करें तो निवेशकों ने मार्च के महीने में 35,098 करोड़ रुपए का निवेश किया है. मौजूदा साल में यह आंकड़ा 10,893 करोड़ रुपए का है. वास्तव में जनवरी के महीने में विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार से 25,744 करोड़ रुपए निकाल लिए थे. जबकि फरवरी में 1539 करोड़ रुपए का मामूली निवेश किया था.
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10 साल में तीसरी बार देखा गया ऐसा
इसके विपरीत बीते 10 साल में तीसरी बार ऐसा देखने को मिला है जब डेट एंड बॉन्ड मार्केट में विदेशी निवेशकों ने एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया हो. इस बार बॉन्ड मार्केट ने इस मामले में करीब 7 साल पुराना रिकॉर्ड तोड़ा है. वित्त वर्ष 2017-18 में विदेशी निवेशकों ने 1,19,036 करोड़ रुपए का निवेश किया था. जबकि वित्त वर्ष 2023-24 में यह निवेश 1,21,059 करोड़ रुपए का निवेश देखने को मिला था. वैसे सबसे ज्यादा निवेश वित्त वर्ष 2014-15 में देखने को मिला था. तब निवेशकों ने बॉन्ड मार्केट में 1,30,302 करोड़ रुपए का निवेश किया था. वैसे बीते 30 साल में पहली बार ऐसा देखने को मिला है, जब विदेशी निवेशकों ने शेयर बाजार और बॉन्ड मार्केट दोनों में एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश किया हो. खास बात तो ये है कि इस वित्त वर्ष में दोनों को मिलाकर 3 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का निवेश विदेशी निवेशकों की ओर से आया हो.
क्या कहते हैं जानकार
मजार्स इन इंडिया के प्रबंध भागीदार भारत धवन ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए पूर्वानुमान सर्तकता के साथ आशावादी है. प्रगतिशील नीतिगत सुधारों, आर्थिक स्थिरता और आकर्षक निवेश अवसरों के चलते एफपीआई प्रवाह जारी रहने की उम्मीद है. उन्होंने कहा, हालांकि, हम वैश्विक भू-राजनीतिक प्रभाव को लेकर सचेत हैं, जिनके चलते बीच-बीच में अस्थिरता आ सकती है, लेकिन हम बाजार के उतार-चढ़ाव से निपटने में रणनीतिक योजना और तत्परता के महत्व पर जोर देते हैं. विंडमिल कैपिटल के स्मॉलकेस प्रबंधक और वरिष्ठ निदेशक नवीन केआर ने कहा कि एफपीआई के नजरिये से 2024-25 की संभावनाएं मजबूत बनी हुई हैं.
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के एसोसिएट निदेशक – शोध प्रबंधक हिमांशु श्रीवास्तव ने कहा कि अमेरिका और ब्रिटेन जैसे विकसित बाजारों में महंगाई और ब्याज दर की दिशा, मुद्रा की स्थिति, कच्चे तेल की कीमतों, भू-राजनीतिक परिदृश्य और घरेलू अर्थव्यवस्था की मजबूती जैसे कारकों से एफपीआई प्रवाह सकारात्मक रहा. उन्होंने कहा कि वैश्विक आर्थिक उथल-पुथल के बीच भारत की अर्थव्यवस्था अधिक मजबूत और स्थिर रही, जिससे विदेशी निवेशक आकर्षित हुए.