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Wednesday, December 4, 2024
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10 हजार जवान और 500 अफसर… किले में तब्दील गाजीपुर, कुछ ही देर में सुपुर्द ए खाक होगा मुख्तार | 10 thousand soldiers and 500 officers Ghazipur transformed into fort Mukhtar ansari will be laid to rest within some time stwtg


10 हजार जवान और 500 अफसर... किले में तब्दील गाजीपुर, कुछ ही देर में सुपुर्द-ए-खाक होगा मुख्तार

गाजीपुर में भारी पुलिसबल की तैनाती.

मुख्तार अंसारी के अंतिम संस्कार से पहले गाजीपुर स्थित कालीबाग कब्रिस्तान के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है. कब्रिस्तान के बाहर भारी तादाद में पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं. कालीबाग कब्रिस्तान में सुबह 10 बजे उन्हें सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा. इस समय पूरा गाजीपुर किले में तब्दील हो रखा है. यूपी के कोने-कोने से सुरक्षा की खातिर पुलिस को गाजीपुर बुलाया गया है. 25
पुलिस उपाधीक्षक, 15 एडिशनल एसपी, 150 इंस्पेक्टर्स, 300 सब इंस्पेक्टर्स, 10 आईपीएस और 25 एसडीएम समेत तमाम पुलिस के आला अधिकारी और पुलिस कर्मी इस समय गाजीपुर में हैं.

इसके अलावा, गाजीपुर डीएम, डीआईजी, आईजी, एडीजी जोन, सीडीओ गाजीपुर, पीएसी की 10 बटालियन, आरएएफ, यूपी पुलिस के 5000 जवान और होमगार्ड के पांच हजार जवान इस समय सुरक्षा के लिए मोहम्मदाबाद में तैनात हैं.

गाजीपुर एसपी ओमवीर सिंह ने के मुताबिक मुख्तार अंसारी का अंतिम संस्कार आज सुबह 10 बजे पूरे रीति-रिवाज के साथ किया जाएगा. उनका शव घर में मौजूद है. जहां अंतिम संस्कार की तैयारियां की जा रही हैं. एसपी ने बताया कि पुलिस मुख्तार के परिजनों से लगातार संपर्क में हैं. सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पर्याप्त पुलिस और अर्धसैनिक बल तैनात हैं. मुख्तार अंसारी के आवास से कब्रिस्तान तक 900 मीटर की दूरी पर पुलिस तैनात की गई है.

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Police

समाजवादी पार्टी के विधायक और मुख्तार अंसारी के भतीजे मोहम्मद सुहैब अंसारी ने बताया कि अंतिम संस्कार की तैयारी की जा रही है. आखिरी बार साभी लोगों को उन्हें देखने का मौका दिया जाएगा.

बता दें, गैंगस्टर से नेता बने मुख्तार अंसारी की गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई थी. इसके बाद उसके शव का पोस्टमॉर्टम कराया गया. देर रात उसका शव बांदा से गाजीपुर पहुंचा.

Graveyard

पिता की कब्र के ठीक सामने मुख्तार की कब्र

पिता सुबहानल्ला अंसारी की कब्र के ठीक सामने मुख्तार अंसारी की कब्र खोदी गई है. उसके ठीक बगल में उसके माता जी की कब्र है. यहीं पर उसके दादा और परदादाओं की कब्र भी हैं. मुख्तार अंसारी की इच्छा थी कि उसे अपने बुजुर्गों के पास ही दफनाया जाए. मुख्तार अंसारी की कब्र की खुदाई का काम उनके भतीजे शोहेब अंसारी की निगरानी में किया गया. इस काम के लिए तीन हिंदू मजदूरों का बुलाया गया जिनके नाम संजय, गिरधारी और नगीना है. तीनों ही मुख्तार के बचपन के दोस्त हैं. उन्होंने कब्र खोदने को पैसे नहीं लिए. कहा कि मुख्तार के उन पर काफी एहसान हैं. इसलिए वो कब्र खोदने के पैसे नहीं लेंगे.



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