यूपी बोर्ड परीक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन हुआ पूरा
उत्तर प्रदेश में नकल विरोधी परीक्षा कराना चुनौती सा बन गया है, लेकिन यूपी बोर्ड की कॉपियों के मूल्यांकन समय से कराने का रिकॉर्ड बनाया गया है. यूपी बोर्ड के सचिव दिव्य कांत शुक्ल के मुताबिक, देश के सर्वाधिक परीक्षार्थी संख्या वाले बोर्ड के लिये बिना किसी रुकावट के नकलमुक्त परीक्षा का आयोजन अपने-आप में एक बहुत बड़ी चुनौती थी. प्रदेश के सभी 259 मूल्यांकन केन्द्रों की लगातार निगरानी के बाद केवल 12 दिनो में मूल्यांकन का काम पूरा किया गया, जिसके बाद इसने एक नया रिकॉर्ड बनाया है.
बोर्ड मुख्यालय में पहली बार स्थापित कमाण्ड एंड कन्ट्रोल रूम से सभी परीक्षा केन्द्रों एवं स्ट्रांग रूम की 24×7 निगरानी और परीक्षा के बाद प्रदेश के सभी 259 मूल्यांकन केन्द्रों की लगातार निगरानी के बाद यह काम पूरा किया गया है.
तीन करोड़ उत्तर पुस्तिकाएं , डेढ़ लाख परीक्षक
माध्यमिक शिक्षा परिषद् उत्तर प्रदेश की हाईस्कूल और इण्टरमीडिएट की उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम 16 मार्च को शुरू हुआ था. साल 2024 की हाईस्कूल परीक्षा में 29,47,311 और इण्टरमीडिएट परीक्षा में 25,77,997 कुल 55,25,308 परीक्षार्थी पंजीकृत थे. हाईस्कूल परीक्षा की 1.76 करोड़ उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 94,802 परीक्षक और इण्टरमीडिएट परीक्षा की 1.25 करोड़ उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 52,295 परीक्षकों को नियुक्त किया गया था. इस प्रकार कुल 3.01 करोड़ उत्तर-पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के लिए 1,47,097 परीक्षकों को नियुक्त किया गया है था. निर्धारित किए गए कुल 260 मूल्यांकन केन्द्रों में से 83 राजकीय तथा 177 अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों को मूल्यांकन केन्द्र बनाया गया था.
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बोर्ड ने वर्ष 2023 की परीक्षा का परिणाम 25 अप्रैल को घोषित कर पुराने रिकार्ड को तोड़ा था. इस बार मूल्यांकन पिछले साल की तुलना में भी पहले और तय की गई तारीख से भी पहले कराया गया है. 2023 की परीक्षा में उत्तरपुस्तिकाओं के मूल्यांकन का काम 18 मार्च से शुरू हुआ और अंतिम तिथि एक अप्रैल निर्धारित थी. इस तरह 15 दिनों में मूल्यांकन का काम पूरा हुआ कर लिया गया था, जबकि इस साल 12 दिनों में ही. तब हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट 25 अप्रैल को घोषित किया गया था, जो कि अब तक का रिकार्ड बना है. इस बार 20 अप्रैल तक रिजल्ट जारी किया जा सकता है.