देबाशीष धर और डॉ. प्राणनाथ टुडू.
बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की दो और सीटों के लिए उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की है. झारग्राम सीट से डॉ. प्राणनाथ टुडू को और बीरभूम से पूर्व पुलिस अधिकारी देबाशीष धर को उम्मीदवार बनाने का ऐलान किया है. डॉ प्राणनाथ टुडू पेशे से डॉक्टर हैं, तो देबाशीष धर अवकाशप्राप्त आईपीएस अधिकारी हैं. इसके साथ ही बीजेपी ने राज्य की 42 लोकसभा सीटों में से 40 पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी. हालांकि राज्य की बीजेपी दो सीटों आसनसोल और डायमंड हार्बर पर अभी तक उम्मीदवार नहीं उतारी है. आसनसोल से पवन सिंह के नाम का ऐलान किया गया था, लेकिन बाद में उन्होंने चुनाव लड़ने की बात कही थी.
देवाशीष धर और प्राणनाथ टुडू चुनाव मैदान में उतर सकते हैं. कई दिनों से अटकलें चल रही थी. पूर्व आईपीएस अधिकारी देबाशीष धर हाल ही में कुछ दिन पहले ही सेवानिवृत्त हुए हैं. उन्होंने अपना इस्तीफा राज्य के मुख्य सचिव बीपी गोपालिक को भेजा था. उनके इस्तीफे से बंगाल के राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की अटकलें लगाई जा रही थी. तब सुनने में आया था कि देबाशीष बीजेपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं.
पेशा से डॉक्टर हैं प्राणनाथ
वहीं, पेशा से डॉक्टर प्राणनाथ ने कुछ दिन पहले झारग्राम मेडिकल कॉलेज की सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया था. उनके मामले में यह भी सुनने में आया था कि वह लोकसभा चुनाव लड़ने जा रहे हैं. शनिवार को दोनों अटकलें सच निकलीं. बीजेपी ने बीरभूम में पूर्व पुलिसकर्मी और झाड़ग्राम में एक डॉक्टर को मैदान में उतारा है.
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देबाशीष धर पश्चिम बंगाल कैडर के 2010 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. हाल ही में उन्होंने इस्तीफा दिया था. उन्होंने कहा था कि ऐसा फैसला ‘व्यक्तिगत कारणों’ से किया है. हालांकि, उन्होंने त्याग पत्र में लिखा कि वह जीवन में अन्य सामाजिक और व्यक्तिगत लक्ष्यों को पूरा करने के लिए यह कदम उठाया था.
देबाशीष धर ने आईपीएस पद से दे दिया था इस्तीफा
देबाशीष धर कूचबिहार के पुलिस अधीक्षक थे. 2021 के विधानसभा चुनाव के दौरान वह जिले के एसपी थे. उस चुनाव में शीतलकुची घटना घटी थी. शीतलकुची में केंद्रीय बलों द्वारा चार ग्रामीणों की मौत हो गई थी. उस समय से वह राज्य पुलिस के एसपी पद के लिए ‘अनिवार्य प्रतीक्षा’ पर थे.
राज्य पुलिस के खुफिया विभाग सीआईडी ने देबाशीष के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति मामले की जांच शुरू की थी. वह काफी समय से जांचकर्ताओं की जांच के घेरे में थे. देबाशीष की संपत्तियों से संबंधित विभिन्न दस्तावेज एकत्र करना शुरू कर दिया था. अब वह राजनीति के मैदान में कदम रख रहे हैं.