पेट्रोल या डीजल भरवाते समय इस बात का जरूर ख्याल रखें कि आपने लास्ट टाइम कितना पेट्रोल या डीजल डलवाया था.
इलेक्ट्रिक कार के बाजार में आने के बाद भी अभी रोड़ पर पेट्रोल और डीजल गाड़ी सबसे ज्यादा चलती हैं. पेट्रोल-डीजल कारों में फ्यूल भरने के लिए टैंक दिया जाता है और इनकी कैपेसिटी भी सीमित होती है. मान लीजिए किसी गाड़ी में पेट्रोल या डीजल भरने के लिए 30 लीटर की कैपेसिटी दी गई है, लेकिन फिर भी कई पेट्रोल पंप पर टंकी फुल करने के नाम पर 30 लीटर की कैपेसिटी से ज्यादा पेट्रोल भर दिया जाता है.
अब सोचने वाली बात है जब गाड़ी की टंकी की कैपेसिटी 30 लीटर है तो फिर उसमें 35 लीटर पेट्रोल या डीजल कैसे भर दिया जाता है. अक्सर ऐसा होने पर लोगों के दिमाग में एक ही ख्याल आता है कि उनके साथ पेट्रोल पंप पर स्कैम किया गया है. अगर आपके साथ भी ऐसा कुछ हुआ है और आप भी स्कैम की बात सोच रहे हैं तो आपको ये खबर पूरी पढ़ लेनी चाहिए.
क्यों आता है स्कैम का ख्याल?
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सबसे पहले ये जानना बेहद जरूरी है कि पेट्रोल पंप पर टंकी फुल कराते समय पेट्रोल या डीजल टैंक की कैपेसिटी से ज्यादा तेल भरने पर सभी को स्कैम का ख्याल आना स्वाभाविक है, लेकिन आमतौर पर पेट्रोल पंप पर इस तरीके का स्कैम नहीं किया जाता. फिर भी आपको हमेशा सतर्क रहना चाहिए. जिससे आपके साथ स्कैम होने की संभावना खत्म हो जाएगी. वहीं पेट्रोल और डीजल टैंक में कैपेसिटी से ज्यादा तेल भरने की वजह हम आपको यहां बताने जा रहे हैं.
टंकी फुल कराते समय रखें इन बातों का ध्यान
जब भी आप अपनी गाड़ी में पेट्रोल और डीजल भरवाते हैं तो आपको सबसे पहले इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि पंप की मशीन जीरो से शुरू हो रही है. साथ ही कई बार बीच में पंप को रोक कर पूरे प्राइस का पेट्रोल भरने की बात करते हैं. ऐसे में आपको पेट्रोल और डीजल भरवाते समय हमेशा सतर्क रहना चाहिए.
कैसे ज्यादा तेल भर जाता हैं गाड़ी के टैंक में
कार कंपनियां पेट्रोल और डीजल टैंक की कैपेसिटी जितनी बताती हैं. वास्तविकता में इनमें उससे ज्यादा पेट्रोल और डीजल भरा जा सकता है. मतलब की अगर किसी टैंक की कैपेसिटी 30 लीटर है तो उसमें 35 लीटर पेट्रोल और डीजल भरा जा सकता है. अब सवाल आता है कि फिर कार कंपनी टैंक की कैपेसिटी काम क्यों बताती है. दरअसल इसके पीछे साइंस है. आपको बता दें पेट्रोल और डीजल जरा सी गर्मी में वाष्पित होना शुरू कर देता है. ऐसे में जब हम पेट्रोल या डीजल भरवा रहे होते हैं तो भी ये वाष्पित होता रहता है. जो गैस के फॉर्म में टैंक में ही होता है. इसी वजह से पेट्रोल और डीजल टैंक की जितनी कैपेसिटी होती है उसे थोड़ा कम बताया जाता है.
पेट्रोल भरवाते समय ये बात जानना जरूरी
पेट्रोल या डीजल भरवाते समय इस बात का जरूर ख्याल रखें कि आपने लास्ट टाइम कितना पेट्रोल या डीजल डलवाया था. साथ ही गाड़ी में कितने पेट्रोल या डीजल की जरूरत है इसको गाड़ी में दिए गए मीटर से चैक कर सकते हैं और जरूरत के मुताबिक पेट्रोल और डीजल भरवा सकते हैं.