
एसडीएम ने लोगों से कराई उठक-बैठक
घोड़े की सवारी, हाथ में छड़ी और सड़क पर कान पकड़ कर उठक बैठक करते लोग… ऐसा 80 की दशक में बॉलीवुड की फिल्मों में देखने को मिलता था. यह नजारा अंग्रेजी हुकूमत या जमींदारों के जुल्म क़ो भी याद दिलाता है. हालांकि, यह दृश्य न तो किसी फ़िल्म का सीन है और न ही उस जमाने से जुड़ा है. ऐसा हकीकत में हुआ है, जिसका वीडियो भी वायरल हो रहा है. वीडियो में बिहार के मधेपुरा के उदाकिशुनगंज के एसडीएम एसजेड हसन हैं, जो कि हाथ में छड़ी लिए लोगों से उठक-बैठक करा रहे हैं.
होली को लेकर शांति समितियों की हुई बैठकों में हुड़दंगियों पर सख्त कार्रवाई की बात तो कही गई थी, लेकिन ऐसा हुआ या नहीं यह शांति समिति के सदस्य ही जानें. अलबत्ता होली के दिन जो कुछ हुआ, उसे हर किसी ने देखा. एसडीएम जिधर भी गए, बाइक पर ट्रिपल लोड चल रहे युवकों, बुजुर्गों और अधेड़ों को बीच सड़क पर कान पकड़ कर उठक-बैठक कराते रहे. एसडीएम अपने घोड़े पर क्षेत्र भ्रमण पर निकले थे. साथ में पुलिस भी थी.
सड़क पर कराई उठक-बैठक
यातायात नियमों की अवहेलना कर बाइक से होली खेलने आ-जा रहे कई लोगों से भी उठक बैठक कराई गई. बीच सड़क पर सरेआम लज्जित होना पड़ा. उधर, कई लोगों का कहना था कि होली के मौके पर सख्ती होनी ही चाहिए. वहीं कई लोग कहते दिखाई दिए कि होली में बच्चे और युवा थोड़ी-बहुत मस्ती करते ही हैं. इस तरह से बीच सड़क पर लोगों से कान पड़कर उठक बैठक करा कर उनकी मर्यादा से खेलने का अधिकार किसी को नहीं है.
लोगों ने अफसर की कार्यशैली पर उठाए सवाल
लोग कहते दिखाई दिए किअगर किसी ने कानून तोड़ा था तो उसका चालान काटा जाना चाहिए था. यह मानवाधिकार का हनन है कि एक अधिकारी घोड़े पर बैठकर लोगों से बीच सड़क पर उठक बैठक करा रहा है. वहीं अधिकारी का कहना था कि लोगों को सख्ती दिखाते हुए यातायात नियमों को समझाने की कोशिश की जा रही थी.
इनपुट-रजनीश रंजन/मधेपुरा