रायपुर लोकसभा सीट
Raipur Lok Sabha Seat: छत्तीसगढ़ की रायपुर लोकसभा सीट काफी महत्वपूर्ण सीट मानी जाती है. रायपुर छत्तीसगढ़ की राजधानी है. खारुन नदी के तट पर बसा रायपुर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर है. रायपुर लोकसभा सीट 1952 में पहली बार अस्तित्व में आई थी. यहां से मौजूदा सासंद भारतीय जनता पार्टी के सुनील कुमार सोनी हैं. वहीं, इस बार भी बीजेपी ने बृजमोहन अग्रवाल को यहां से प्रत्याशी बनाया है. उधर, कांग्रेस ने इस सीट पर विकास उपाध्याय को टिकट दिया है. करीब तीन दशक से इस सीट पर बीजेपी का कब्जा है.
बता दें कि 1952 से 1971 तक इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा रहा है. इसके बाद बाकी के कुछ साल को छोड़कर फिर यह बीजेपी की गढ़ माने जाने लगी. 1996 से लेकर 2019 तक इस सीट पर लगातार बीजेपी का कब्जा रहा. रमेश बैस लगाार जीतते रहे. बैस 1996 से 2014 तक लगातार सांसद रहे. 2019 के लोकसभा चुनाव में सुनील कुमार सोनी ने जीत दर्ज की. सुनील कुमार सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को हराया था. रायपुर लोकसभा के अंतर्गत विधानसभा की कुल आठ सीटें आती हैं. इन सीटों में बलौदा बाजार, भाटापारा, धरसीवा, रायपुर शहर ग्रामीण, रायपुर शहर पश्चिम, रायपुर शहर उत्तर, रायपुर शहर दक्षिण, आरंग और अभनपुर शामिल हैं.
2019 में कौन जीता?
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के सुनील कुमार सोनी ने कांग्रेस के प्रमोद दुबे को 3,48,238 लाख वोटों से हराया था. सुनील कुमार सोनी को 837,902 लाख वोट जबकि प्रमोद दुबे को 489,664 लाख वोट मिले थे. वहीं, तीसरे नंबर पर बीएसपी के खिलेश कुमार साहू उर्फ खिलेश्वर रहे थे. खिलेश्वर को मात्र 10,597 हजार वोट मिले थे. इस साल यहां 68 फीसदी वोटिंग हुई थी.
2014 में क्या था रिजल्ट
2014 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के रमेश बैस ने कांग्रेस के सत्य नारायण शर्मा को शिकस्त दी थी. बैस ने शर्मा को 1,71,646 लाख वोटों से हराया था. बैस को 654,922 तो वहीं शर्मा को 483,276 लाख वोट मिले थे. वहीं तीसरे नंबर पर आम आदमी पार्टी के संदीप तिवारी रहे थे. संदीप को 15,139 हजार वोट मिले थे.
रायपुर लोकसभा सीट पर कितने मतदाता?
रायपुर लोकसभा सीट पर करीब 20,46,014 लाख मतदाता हैं. इनमें से 10,39,867 लाख पुरुष मतदाता हैं जबकि 10,05,871 महिला वोटर्स हैं. पिछले लोकसभा चुनाव में 13,96,250 मतदाताओं ने मतदान किया था. मतलब यहां 68 फीसदी मतदान हुआ था.
कब-कब किसने जीता?
- 1952-भूपेन्द्र नाथ मिश्रा/मिनीमाता अगम दास गुरु- कांग्रेस
- 1957-बीरेंद्र बहादुर सिंह/केशर कुमारी देवी- कांग्रेस
- 1962-केशर कुमारी देवी -कांग्रेस
- 1967- लखन लाल गुप्ता -कांग्रेस
- 1971- विद्याचरण शुक्ल- कांग्रेस
- 1977- पुरूषोत्तम कौशिक – जनता पार्टी
- 1980- केयूर भूषण-कांग्रेस
- 1984- केयूर भूषण-कांग्रेस
- 1989- रमेश बैस- BJP
- 1991- विद्याचरण शुक्ल-कांग्रेस
- 1996- रमेश बैस- BJP
- 1998- रमेश बैस- BJP
- 1999 -रमेश बैस- BJP
- 2004 -रमेश बैस- BJP
- 2009 -रमेश बैस- BJP
- 2014 – रमेश बैस- BJP
- 2019 -सुनील कुमार सोनी- BJP
रायपुर का संक्षिप्त इतिहास
रायपुर का इतिहास हजारों वर्ष पुराना है. ऐसा माना जाता है कि रायपुर नगर की स्थापना 14वीं शत्ती ईस्वी में की गई थी. ऐतिहासिक और पुरातात्विक दृष्टि से रायपुर दक्षिणी कोशल का हिस्सा था और इसे मौर्य साम्राज्य के तहत माना जाता था. खारुन नदी के तट में बसा रायपुर छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा शहर है. इसके साथ-साथ राज्य का एक महत्वपूर्ण औद्योगिक और व्यापारिक केंद्र भी है. रायपुर को व्यापार के लिए देश के सबसे अच्छे शहरों मे से एक माना जाता है. छत्तीसगढ़ के विभाजन के पूर्व रायपुर मध्य प्रदेश राज्य का अंग था. रायपुर खनिज संपदा से भरपूर है. यह देश में स्टील एवं लोहे के बड़े बाजारों मे से एक है. अग पर्यटन स्थलों की बात करें तो यहां बूढ़ा तालाब, माता कौशल्या मंदिर, भगवान राम का करीब 5०० साल पुराना मंदिर (दूधधारी मंदिर) है.