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Wednesday, December 4, 2024
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Cuddalore Lok Sabha Seat : कांग्रेस पार्टी के गढ़ में अब लहरा रहा है डीएमके का झंडा, बीजेपी का नहीं खुला है खाता | Cuddalore lok sabha election 2024 bjp aiadmk dmk congress stwar


Cuddalore Lok Sabha Seat : कांग्रेस पार्टी के गढ़ में अब लहरा रहा है डीएमके का झंडा, बीजेपी का नहीं खुला है खाता

कुड्डालोर था कभी कांग्रेस का गढ़

कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र देश के 543 और तमिलनाडु के 39 लोकसभा क्षेत्र में से एक है. कुड्डालोर एक जिला है जो अपने मंदिरों के लिए जाना जाता है. इनमें सबसे प्रसिद्ध शिव मंदिर हैं. यहां भगवान शंकर का पदलेश्वर मंदिर है. यह थिरुप्पदिरिपुलियूर में स्थित है. बात राजनीति की करें तो कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र के पहले सांसद एन.डी.गोविंदसामी कचिरयार बने. पहली बार 1952 में हुए चुनाव में तमिलनाडु मेहनतकश पार्टी की टिकट पर उन्होंने जीत दर्ज की थी. कांग्रेस पार्टी ने यहां पहली बार 1971 में जीत दर्ज की, वर्तमान मे द्रविड़ मुनेत्र कड़गम यानि डीएमके के टीआरवीएस रमेश सांसद हैं.

टीआरवीएस रमेश ने पट्टाली मक्कल काची पीएमके के डॉ. आर.गोविंदासामी को हराया था. टीआरवीएस रमेश को इस चुनाव में 50.1% वोट मिले जबकि गोविंदासामी को 36.3 प्रतिशत वोट मिले. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय के थंगावेल को 4.3 प्रतिशत जबकि नाम तमिलर काचीव के आर.चित्रा को 3.3 प्रतिशत, पांचवे स्थान पर मक्कल नीधि मय्यम के वी.अन्नामलाई को 2.3% छठे स्थान पर रहे एंटी करप्शन डायनेमिक पार्टी के कुप्पुसामी को 0.7%
एस धनशेखरन 0.3%,डी. शंकर 0.3% और नौवे स्थान पर रहे बीएसपी के सी.जयप्रकाश को 0.3% वोट मिले.

2019 टीआरवीएस रमेश की जीत

2019 के चुनाव में टीआरवीएस रमेश ने डॉ. आर. गोविंदासामी को 1,43,983 वोटों से हराया. टीआरवीएस रमेश को 522,160 जबकि गोविंदासामी को 3,78,177 वोट मिले. तीसरे स्थान पर रहे निर्दलीय के.थंगावेल को 44,892, एनटीके के आर चित्रा 34,692, एमएनएम के वी.अन्नामलाई 23,713 वोट मिले थे.इससे पहले 2014 में एआईडीमके के ए अरुणमोझीथेवन ने डीएमके के के. नंदगोपालकृष्णन को 2,03,125 वोटों से हराया था.ए अरुणमोझीथेवन को जहां 481,429 वोट मिले वहीं के. नंदगोपालकृष्णन को 2,78,304 वोट, डीएमडीके के सीआर जयशंकर 1,47,606 वोट मिले थे कांग्रेस के केएस अलागिरी चौथे स्थान पर रहे उन्हें 26,650 वोट मिले थे.

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कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र का चुनावी इतिहास

कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र में सबसे पहले तमिलनाडु मेहनतकश पार्टी के एन.डी.गोविंदसामी कचिरयार ने जीत दर्ज की. दूसरे चुनाव 1957 में निर्दलीय टीडी मुथुकुमारसामी, 1962 में डीएमके के टी. रामबद्रन और 1967 में वीके गौंडर ने जीत दर्ज की.1971 में कांग्रेस पार्टी ने यहां खाता खोला और एस राधाकृष्णन कांग्रेस पार्टी के पहले सांसद बने इसके बाद कांग्रेस की तरफ से 1997 में जी भुवराहण, 1980 में आर मुथुकुमारन, 1984 और 1989 में पीआरएस वेंकटेशन और 1991 में पीपी कलियापेरुमल ने जीत दर्ज की. 1996 में तमिल मनीला कांग्रेस से पीआरएस वेंकटेशन, 1998 में एआईएडीएमके के एमसी धमोदरन, 1999 में डीएमके के आदि शंकर, 2004 में डीएमके के के वेंकटपति सांसद पहुंचे.2009 में एस.अलागिरी कांग्रेस पार्टी की टिकट पर जीत दर्ज करने में कामयाब हुए.

कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र का चुनावी गणित

कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र 6 विधानसभा क्षेत्र क्षेत्रों से मिलकर बना है. ये विधानसभा क्षेत्र हैं-नेयवेली, वृद्धाचलम, पनरूति. कड्डलूर, टिट्टाकुडी (एससी), कुरिंजीपड़ी और कुड्डालोर.इस लोकसभा क्षेत्र में कुल 13,64,038 मतदाता हैं. इनमें पुरुष मतदाता की संख्या-6,89,913 जबकि महिला मतदाता की संख्या-6,74,034 है. थर्ड जेंडर निर्वाचक 91 हैं. 2011 जनगणना के अनुसार, कुड्डालोर की जनसंख्या 26 लाख से अधिक है, जिसमें 51% पुरुष और 49% महिलाएं शामिल हैं. यहां 1,000 पुरुषों पर 987 महिलाएं हैं. 72.99% के राष्ट्रीय औसत की तुलना में इस जिले की साक्षरता 79% है.2019 में यहां कुल मतदान प्रतिशत 76.48% था. कुड्डालोर संसदीय क्षेत्र से कांग्रेस ने एमके विष्णु प्रसाद, डीएमडीके ने एमके विष्णु प्रसाद, पट्टाली मक्कल काची ने थांगर बचन, एनटीके ने वी. मणिवासगम को मैदान में उतारा है.

कुड्डालोर ऐतिहासिक महत्व वाला क्षेत्र रहा है. यह शहर कई युद्धों का गवाह रहा है. यह कभी चोल, पल्लव, पांड्या, विजयनगर साम्राज्य का हिस्सा रहा. समुंदर के किनारे बसे इस जिले का मछली और जहाजरानी से जुड़े व्यवसाय प्रमुख हैं. इसके साथ ही केमिकल, फार्मोकोलॉजी से जुड़े उद्योग धंधे भी हैं. यहां क लोग तमिल, तेलुगु, मलयालम और अंग्रेजी भाषा बोलते हैं. बात दर्शनीय स्थान की करें तो वनाथस्वामी मंदिर,वडलूर मंदिर, चिदंबरम मंदिर, वीरानम झील,प्रमुख पर्यटन स्थल हैं.



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