पेट्रोल का दाम आज भी CNG की तुलना काफी ज्यादा है, यही वजह है कि अब भी मार्केट में सीएनजी गाड़ियों की खूब डिमांड है. बहुत से लोग पहले से CNG Cars इस्तेमाल कर रहे हैं तो वहीं बहुत से लोग ऐसे भी होंगे जो सीएनजी में शिफ्ट होने का प्लान कर रहे होंगे. आप भी अगर सीएनजी में स्विच करने का प्लान कर रहे हैं तो आपको पहले कुछ नियमों की जानकारी होनी चाहिए.
मोटर वाहन अधिनियम 1988 के अनुसार, सभी सीएनजी वाहनों की आरसी में सीएनजी किट का उल्लेख होना जरूरी है. अगर किसी व्यक्ति की RC और इंश्योरेंस पॉलिसी में सीएनजी का जिक्र नहीं है तो ऐसे व्यक्ति को कम्पलायंस सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा.
हर सीएनजी सिलेंडर के लिए कम्पलायंस प्लेट लेना जरूरी है और ये प्लेट वहां लगी होती है जहा सीएनजी भरने के लिए नोजल दिया गया होता है. इस कम्पलायंस प्लेट पर कुछ जरूरी जानकारी होती है जैसे कि आपकी गाड़ी का नंबर, इंस्टॉलेशन डेट, इंस्टॉलेशन सेंटर, लास्ट टेस्टिंग डेट आदि.
ये भी पढ़ें
अब सवाल यह खड़ा होता है कि आखिर हर तीन साल में CNG Cylinder की टेस्टिंग क्यों जरूरी है? अगर सिलेंडर की टेस्टिंग नहीं कराई तो क्या होगा? आज हम आप लोगों को इन्हीं सवालों के जवाब देंगे. नियम कहता है कि जो भी गाड़ी सीएनजी पर दौड़ रही है उस कार में लगे सिलेंडर की हाइड्रो टेस्टिंग हर तीन साल में एक बार होनी ही चाहिए. क्या होती है हाइड्रो टेस्टिंग और क्यों है ये इतनी जरूरी?
क्या होती है हाइड्रो टेस्टिंग?
हाइड्रो टेस्टिंग करने से इस बात का पता चलता है कि आपकी कार में लगा सीएननजी सिलेंडर इस्तेमाल करने लायक है या फिर नहीं? अगर किसी व्यक्ति की कार में लगा सिलेंडर इस हाइड्रो टेस्ट को पास नहीं कर पाता है तो इसका मतलब यह है कि वो सिलेंडर इस्तेमाल करने लायक तो बिल्कुल भी नहीं है. ऐसे सिलेंडर का इस्तेमाल करना कार में बैठे लोगों की जान को जोखिम डालना हो सकता है, ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा अनफिट सिलेंडर कभी भी फट सकता है.
कैसे होती है सीएनजी सिलेंडर की टेस्टिंग?
टेस्टिंग के दौरान सिलेंडर में तेजी से पानी छोड़ा जाता है और अगर इस दौरान सिलेंडर पानी के दबाव को सहन कर लेता है और ब्लास्ट नहीं होता तो इसका मतलब समझ जाइए कि सिलेंडर मजबूत है. ध्यान दें कि अगर सिलेंडर की टेस्टिंग नहीं कराई तो इंश्योरेंस कंपनी क्लेम नहीं देने में दिक्कत कर सकती है.
कहां से कराएं सीएनजी सिलेंडर की टेस्टिंग?
ध्यान दें कि CNG सिलेंडर की जांच केवल अधिकृत CNG सेंटर पर जाकर ही कराएं. अगर आपकी CNG कार में लगा सिलेंडर टेस्टिंग के दौरान फेल हो जाता है तो ऐसे केस में आपको सिलेंडर को बदलवाना होगा.
अगर आप सिलेंडर नहीं बदलवाते हैं और पुराने सिलेंडर के साथ ही कार ड्राइव करते हैं तो आपके पास कम्पलायंस प्लेट तो होगी नहीं और बिना कम्पलायंस प्लेट के फ्यूल स्टेशन पर आपको कोई भी CNG नहीं देगा. CNG कार की नियमित जांच करवाते रहना बेहद ही जरूरी है क्योंकि यह जांच आपके और आपके परिवार की सेफ्टी के लिए जरूरी है.