मुख्तार अंसारी के बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी
कुख्यात गैंगस्टर मुख्तार अंसारी की मौत हो गई है. गुरुवार रात दिल का दौरा पड़ने से उसका निधन हो गया. मुख्तार की मौत पर उसके बड़े भाई सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा कि हमारा भाई शहीद हुआ और शहादत से अच्छी कोई मौत नहीं होती. हमारे धर्म के अनुसार किसी को जहर देकर मारा जाए तो वो शहीद होता है. शहीद से अच्छी कोई मौत नहीं होती.
सिबगतुल्लाह अंसारी ने कहा, ‘जो रिपोर्टें मिल रही थीं, वो सच साबित हुईं. उनको जहर दिया जा रहा था. कुछ दिन पहले जेलकर्मियों ने उनका खाना चका था वो सब अस्तपाल में भर्ती हुए थे. उनकी मौत ऊपरवाले ने इसी तरह शहादत की लिखी थी. हमारे धर्म के अनुसार किसी को जहर देकर मारा जाए तो वो शहीद होता है. शहीद से अच्छी कोई मौत नहीं होती.’
‘ऊपरवाला ही इंसाफ करेगा’
उन्होंने कहा, ‘मुख्तार कुछ दिन पहले अस्पताल में भर्ती हुए. ब्लड रिपोर्ट नॉर्मल थी. ऑपरेशन की इजाजत के बाद ऑपरेशन नहीं करने दिया गया. ये सब क्या है. ये सब सबके सामने है. सब अक्लमंद हैं. सबको पता है. बहुत बड़ी साजिश रची गई थी. किसी से क्या कहना. ऊपरवाला ही इंसाफ करेगा.
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उन्होंने कहा कि मुख्तार को हार्ट अटैक कभी नहीं हुआ था. इस बार तो हम लोग सुप्रीम कोर्ट से लेकर हर कोर्ट में अपनी बात कहते रहे. वो शेर की तरह रहे. शेर की तरह दुनिया से गए. ऊपरवाले ने इतने साल के लिए उन्हें भेजा था. भावुक होते हुए वो आगे कहते हैं कि उम्मीद है कि ऊपरवाला बदला जरूर लेगा. हम पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को क्यों माने. उनकी उम्र इतनी ही लिखी थी. सिबकतुल्लाह अंसारी आगे कहते हैं कि मुख्तार ने पूरी जिंदगी संघर्ष में बिताई है. कभी किसी के सामने झुका नहीं.
इससे पहले मुख्तार अंसारी की मौत पर बेटे उमर अंसारी ने बयान दिया. उमर ने कहा कि मुझे प्रशासन की तरफ से कुछ नहीं बताया गया, मुझे मीडिया के जरिए इसकी जानकारी हुई. दो दिन पहले मैं उनसे मिलने आया था, लेकिन मुझे नहीं मिलने दिया गया. हमने पहले भी कहा था और आज भी कह रहे हैं कि उन्हें धीमा जहर दिया गया. उमर ने कहा कि उन्हें 19 मार्च को डिनर में जहर दिया गया था. हम न्यायपालिका का रुख करेंगे, हमें उस पर पूरा भरोसा है.
मुख्तार अंसारी की मौत पर सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि मुख्तार अंसारी की जिन परिस्थितियों में मृत्यु हुई वह अत्यधिक चिंताजनक है. उन्होंने न्यायालय में अर्ज़ी देकर पहले ही जहर के द्वारा अपनी हत्या की आशंका व्यक्त की थी. मौजूदा व्यवस्था में तो न जेल में कोई सुरक्षित , न पुलिस कस्टडी में और न अपने घर में. उन्होंने आगे कहा कि प्रशासन आतंक का माहौल पैदा करके लोगों को मुंह बंद रखने को विवश किया जा रहा है. क्या मुख़्तार अंसारी द्वारा न्यायालय में दी गई अर्जी के आधार पर कोई न्यायिक जांच का आदेश यूपी सरकार करेगी.