प्रफुल्ल पटेल
मनमोहन सरकार के दौरान एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय से एनएसीआईएल कंपनी बनी थी. कंपनी पर पट्टे पर विमान लिए जाने में कथित अनियमितताओं का आरोप लगा और सीबीआई ने इसकी जांच की. जांच एजेंसी ने अब एक क्लोजर रिपोर्ट दायर की है, क्योंकि उसे इस मामले में किसी गलत काम का कोई सबूत नहीं मिला. अधिकारियों ने ये जानकारी दी.
सीबीआई ने उच्चतम न्यायालय के आदेश पर 2017 में इस मामले की जांच शुरू की थी. एजेंसी ने हाल ही में एक विशेष अदालत के समक्ष क्लोजर रिपोर्ट दायर की. अधिकारियों ने कहा कि निजी अंतरराष्ट्रीय विमानन कंपनियों के साथ सीटों को लेकर समझौता सहित एयर इंडिया में कथित अनियमितताओं से संबंधित अन्य मामले अभी जारी हैं.
क्या आरोप लगा था?
विशेष अदालत यह फैसला करेगी कि इस रिपोर्ट को स्वीकार किया जाए या एजेंसी को विभिन्न बिंदुओं पर आगे जांच का निर्देश दिया जाए. यह मामला एयर इंडिया द्वारा बड़ी संख्या में विमानों को पट्टे पर लेने में अनियमितताओं के आरोपों से संबंधित है, जिसके कारण राष्ट्रीय विमानन कंपनी को भारी नुकसान हुआ, जबकि कुछ लोगों को फायदा हुआ.
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प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि बड़े पैमाने पर विमानों की खरीद और कई उड़ानों, खासकर विदेशी उड़ानों में यात्रियों की संख्या कम होने होने के बाद भी नागर विमानन मंत्रालय तथा नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एनएसीआईएल) के अधिकारियों द्वारा विमानों को पट्टे पर लेने के संबंध में फैसला किया गया था. उस समय प्रफुल्ल पटेल नागर विमानन मंत्री थे. प्रफुल्ल अब एनडीए के साथ हैं. एयर इंडिया और इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद नेशनल एविएशन कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड का गठन किया गया था.