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Sunday, October 6, 2024
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तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के मामले, युवा भी हो रहे हैं शिकार | unhealthy lifestyle leads to diabetes in very young age, how to prevent it


तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के मामले, युवा भी हो रहे हैं शिकार

तेजी से बढ़ रहे हैं डायबिटीज के मामले

डायबिटीज एक बेहद ही आम समस्या बनती जा रही है और आज हर घर में डायबिटीज का एक न एक मरीज मौजूद है, हिंदुस्तान में ये तादाद इतनी तेजी से बढ़ रही है कि अब कम उम्र में ही युवा इस बीमारी का शिकार हो रहे हैं. डायबिटीज एक बेहद ही गंभीर समस्या है जो शरीर में ब्लड शुगर लेवल बढ़ने से होती है और अगर इसे कंट्रोल न रखा जाए तो ये धीरे धीरे शरीर के हर आर्गन को प्रभावित करती है. WHO की माने तो 2030 तक हिंदुस्तान में डायबिटीज के मरीजों की संख्या दोगुनी हो जाएगी. आइए जानते हैं डायबिटीज होने की वजहें और इससे बचने के उपाय

डायबिटीज क्या है

शरीर में जब ब्लड में ग्लूकोज का लेवल बढ़ जाता है तो इस समस्या को डायबिटीज कहते हैं. दरअसल शरीर में ब्लड ग्लूकोज को नियंत्रित करने का काम इंसुलिन करता है जिसका प्रोडक्शन पैक्रियाज में होता है. पैंक्रियाज में इंसुलिन का प्रोडक्शन होने के बाद ये रक्त में मौजूद ग्लूकोज को कंट्रोल करता है लेकिन जब किसी कारणवश पैंक्रियाज पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन का उत्पादन नहीं कर पाती तो शरीर में ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है और डायबिटीज की समस्या शुरू हो जाती है.

डायबिटीज के प्रकार

डायबिटीज को मुख्यत: दो प्रकारों में बांटा गया है टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज. जब बचपन से ही पैंक्रियाज में किसी खराबी की वजह से इंसुलिन का उत्पादन नहीं होता तो बच्चा टाइप-1 डायबिटीज का शिकार हो जाता है और उसे ताउम्र इंसुलिन दिया जाता है क्योंकि उसका शरीर इंसुलिन का उत्पादन करने में असमर्थ होता है. वही टाइप-2 डायबिटीज हमारे अनहेल्दी लाइफस्टाइल की वजह से बढ़ती उम्र के साथ होती है लेकिन आजकल युवाओं का अनहेल्दी लाइफस्टाइल कम उम्र में ही टाइप-2 डायबिटीज की वजह बन रहा है.

टाइप- 2 डायबिटीज होने की वजहें

– अनहेल्दी लाइफस्टाइल

– स्ट्रेस

-बाहर के जंक फूड का ज्यादा सेवन

-अनियमित जीवनशैली

-कम फिजिकल एक्टिविटी

– मोटापा

डायबिटीज से बचाव

– जीवनशैली में सुधार

– हेल्दी और पौष्टिक आहार का सेवन

– डाइट में हरी सब्जियों और मौसमी फलों का सेवन

– पर्याप्त मात्रा में पानी पीना

– स्ट्रेस कम लेना

– फिजिकल एक्टिव रहना

– रोजाना एक्सरसाइज या आधे घंटे की वॉक करना

– मोटापे को नियंत्रित करना

– कोलेस्ट्रॉल और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों से बचना

– बाहर का जंक और फास्ट फूड कम खाना



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