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Saturday, February 15, 2025
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क्या आपने ले रखी है बीमा पॉलिसी? 1 अप्रैल अनिवार्य हो जाएगा ये नियम | Insurance New Rules From 1st April E-Policy Should Keep In Demat Format Mandatory


क्या आपने ले रखी है बीमा पॉलिसी? 1 अप्रैल अनिवार्य हो जाएगा ये नियम

बीमा के बदलने वाले हैं नियम Image Credit source: Unsplash

बीमा लेना हमेशा एक सुरक्षित और अच्छा फाइनेंशियल फैसला माना जाता है. भारत में इस मार्केट को इरडा रेग्युलेट करता है, ऐसे में समय-समय पर इसमें होने वाले बदलाव पर भी आपकी नजर रहनी चाहिए. जैसे कि 1 अप्रैल 2024 से लागू होने जा रहा ये नियम, जो अब सभी नए पॉलिसी होल्डर्स के लिए अनिवार्य होगा. चलिए जानते हैं इसके बारे में…

इरडा ने कुछ दिन पहले ही एक नया नोटिफिकेशन जारी किया है. इसके मुताबिक अब से जो भी नई इंश्योरेंस पॉलिसी जारी की जाएंगी, पॉलिसी होल्डर्स को उसे इलेक्ट्रॉनिक यानी डीमैट फॉर्म में अपने पास अनिवार्य तौर पर रखना होगा. वहीं बीमा कंपनी भी इसे दोनों तरह की ई-इंश्योरेंस के फार्म में जारी करेंगी, हालांकि ग्राहक के पास फिजिकल पॉलिसी पाने की चॉइस रहेगी. ई-इंश्योरेंस पॉलिसी को ठीक उसी तरह रखा जा सकेगा जिस तरह लोग अपने शेयर्स को रखते हैं.

कंपनियों को करना होगा ये प्रबंध

ई-इंश्योरेंस पॉलिसी को डीमैट फॉर्म में उपलब्ध कराने के लिए हर बीमा कंपनी को एक अप्रूव्ड पॉलिसी जारी करनी होगी. ईटी की एक खबर के मुताबिक इरडा ने ये भी कहा है कि बीमा कंपनियों को इंश्योरेंस के लिए आवेदन किसी भी रूप में मिला हो, मसलन कि ऑनलाइन या ऑफलाइन, लेकिन इंश्योरेंस कंपनियों को पॉलिसी इलेक्ट्रॉनिक फॉरमेट में जारी करनी ही होगी.

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1 अप्रैल 2024 से ये नियम अनिवार्य होने जा रहा है. इसके लिए बीमा कंपनियों ई-पॉलिसी के साथ-साथ अनिवार्य तौर पर फिजिकल पॉलिसी डॉक्युमेंट की चॉइस देनी होगी.

आपको ई-पॉलिसी से क्या फायदा होगा?

ई-इंश्योरेंस पॉलिसी को रखने के लिए आपका ई-इंश्योरेंस अकाउंट भी खुलेगा. इसके आपको कई बेनेफिट होंगे. एक तो आपको अपने पॉलिसी डॉक्यूमेंट को लंबे समय तक संभालकर रखने की जरूरत नहीं होगी. ये कागजी कार्रवाई के बोझ और परेशानियों को भी कम करेगा.

इतना ही नहीं अभी-भी ऑनलाइन इंश्योरेंस लेने के बावजूद ग्राहकों को अपनी अलग-अलग पॉलिसी सेव करके रखनी होती है, जिन्हें अब एक ही जगह ई-इंश्योरेंस अकाउंट में रखा जा सकेगा. ये खाता बीमा कंपनियों और पॉलिसी होल्डर्स दोनों के बीच एक सेतु की तरह काम करेगा.

अगर आप अपनी कोई भी निजी जानकारी इस अकाउंट में बदलते हैं, तो ये आपकी बीमा पॉलिसी में भी ऑटोमेटिक अपडेट हो जाएगी. ई-इंश्योरेंस अकाउंट खोलना काफी आसान होगा और ये फ्री भी होगा.



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