कांग्रेस से वसूली कानून के मुताबिक
चुनावी माहौल के बीच कांग्रेस और इनकम टैक्स विभाग आमने-सामने हैं. पहले कांग्रेस पर आयकर विभाग ने बकाया कर और जुर्माना लगाकर 210 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड भेजी. फिर कांग्रेस ने आरोप लगाया कि उसके खाते से 135 करोड़ रुपए निकाल लिए गए और ताजा मामला 1700 करोड़ रुपए की टैक्स डिमांड और जुर्माने का है. इस बीच सूत्रों के हवाले से बड़ी खबर आई है कि कांग्रेस से वसूला गया 135 करोड़ पूरी तरह कानून सम्मत है. देश में जब राजनीतिक पार्टियों को आयकर कानून से छूट प्राप्त है, तो इसका पूरा सच क्या है?
आयकर विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि चुनावी प्रक्रिया में नकदी के व्यापक इस्तेमाल के चलते कांग्रेस ने 2018-19 में आयकर छूट खो दी थी. इसलिए पार्टी से की गई 135 करोड़ रुपए की टैक्स वसूली आयकर कानून के प्रावधानों के अनुरूप है.
एजेंसी की खबर के मुताबिक अप्रैल 2019 में तलाशी अभियानों के दौरान आयकर विभाग ने जो आपत्तिजनक सामग्री जब्त की, उसके आधार पर चुनावी प्रक्रिया में नकदी के व्यापक उपयोग का पता चला. सूत्रों ने बताया कि ऐसे में पार्टी के टैक्स एसेसमेंट को सात वर्षों (आकलन वर्ष 2014-15 से 2020-21 तक) के लिए फिर से खोला गया था.
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2021 में भी कांग्रेस से की गई टैक्स डिमांड
सूत्रों का कहना है कि एसेसमेंट के बाद 2021 में भी कांग्रेस पार्टी से टैक्स डिमांड की गई. उन्हें पेमेंट करने के लिए कई बार पत्र भेजे गए. कार्यवाही के दौरान कांग्रेस पार्टी की स्थगन याचिका को खारिज कर दिया गया था.
इसके बाद, एसेसमेंट ऑर्डर के 33 महीने और इनकम टैक्स कमिश्नर (अपील) के आदेश के 10 महीने बाद भी, जब टैक्स नहीं चुकाया गया, तो आयकर कानून की धारा 226 (3) के तहत वसूली की कार्यवाही शुरू की गई. कानून के प्रावधानों के अनुसार लगभग 135 करोड़ रुपए की बकाया टैक्स डिमांड की वसूली कार्यवाही शुरू की गई.
इस कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग करने वाली याचिका को आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) और दिल्ली उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया था. सूत्रों ने बताया कि इसके बाद आयकर कानून 1961 के प्रावधानों के अनुसार ही कांग्रेस से 135 करोड़ रुपए की वसूली की गई है.
कांग्रेस ने लगाए ये आरोप
इस बीच कांग्रेस पार्टी के महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि लोकसभा चुनाव से पहले टैक्स टेररिज्म के जरिये विपक्ष पर हमला किया जा रहा है. पार्टी के कोषाध्यक्ष अजय माकन ने आरोप लगाया कि जिन मापदंडों के आधार पर कांग्रेस को जुर्माने के नोटिस दिए गए हैं, उन्हीं के आधार पर भारतीय जनता पार्टी से 4600 करोड़ रुपए से आधिक के भुगतान की मांग करनी चाहिए.