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Saturday, October 5, 2024
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एयरक्रॉफ्ट लीज घोटाला: प्रफुल्ल पटेल को CBI से राहत मिलने पर AAP नेता जस्मीन शाह का निशाना | aap-leader-jasmin-shah-on-ncp-praful-patel-aircraft-lease-scam-cbi-closure-report


एयरक्रॉफ्ट लीज घोटाला: प्रफुल्ल पटेल को CBI से राहत मिलने पर AAP नेता जस्मीन शाह का निशाना

प्रेस कांफ्रेंस करते हुए आप नेता जस्मिन शाह

पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल को एयरक्रॉफ्ट लीज घोटाले में सीबीआई से राहत मिलने पर आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता जस्मीन शाह ने प्रेस कांफ्रेंस करके निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की वॉशिंग मशीन में धुलकर अब प्रफुल्ल पटेल भी साफ-सुथरे और बेदाग हो गए हैं. उन्होंने कहा कि 2023 जुलाई में ही प्रफुल्ल पटेल, अजीत पवार गुट के साथ एनसीपी से अलग होकर बीजेपी गठबंधन में महाराष्ट्र सरकार में शामिल हुए हैं. और अब 8 महीने बाद सीबीआई ने कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर सारा केस बंद कर दिया.

आप नेता जस्मिन शाह ने यह कहकर निशाना साधा कि पिछले 10 साल में देश की जनता ने देखा है कि किस तरह से बीजेपी ने दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे असरदार वॉशिंग मशीन का अविष्कार किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी की यह एक राजनीतिक वॉशिंग मशीन है,जिसमें बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक और शरत चंद्र रेड्डी जैसे शराब कारोबारी को डालने के बाद जब वो बाहर आते हैं तो झूठे बयान और भाजपा को चुनावी चंदा देते हैं.

जानें क्या था पूरा मामला?

जस्मिन शाह ने बताया कि यह मामला 2006-7 का है. उस दौरान प्रफुल्ल पटेल केंद्रीय नागरिक विमानन मंत्री थे. तभी एयर इंडिया-इंडियन एयरलाइंस का विलय हुआ और बिना प्लांनिंग के 15 एयर क्रॉफ्ट लीज पर लिये गए. इन एयर क्रॉफ्ट को संचालित करने के लिए पायलट तक हायर नहीं किये और पांच साल तक रखे रह गये. सीएजी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस फैसले से सरकारी खजाने को 840 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ.

उन्होंने आगे कहा कि सीबीआई की एफआईआर और सीएजी की रिपोर्ट में साफ खुलासा किया गया है कि इन 15 एयर क्रॉफ्ट को बिना किसी प्लानिंग के खरीदा गया. जबकि इनके पास पहले से ही पैसेंजर्स कम थे. जब मौजूदा फ्लीट में ही पैसेंजर्स नहीं जा रहे हैं, तो 15 एयर क्रॉफ्ट में पैसेंजर्स कहां से जाएंगे. इसके लिए किसी पायलट को भी हायर नहीं किया गया. इन्हें खरीदकर बस एक गैराज में खड़ा कर दिया गया.

बीजेपी गठबंधन में जाने का मिला ईनाम- आप

आप नेता जस्मीन शाह ने बताया कि सबसे पहले मई 2017 में सीबीआई ने यह केस दर्ज किया था. उसके बाद ईडी ने भी मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल को देखते हुए केस दर्ज किया. जिसके बाद जून 2017 में पहली बार प्रफुल्ल पटेल को ईडी ने समन भेजा. अगस्त 2019 में सीबीआई ने भी प्रफुल्ल पटेल को समन भेजा. इस दौरान एनसीपी और बीजेपी के बीच पर्दे के पीछे से बातचीत चल रही थी. आखिरकार जुलाई 2023 में जब अजीत पवार गुट एनसीपी से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया, तो उसके बाद प्रफुल्ल पटेल के खिलाफ कोई भी समन जारी नहीं हुआ.

आम आदमी पार्टी को परेशान करने का आरोप

जस्मीन शाह ने कहा कि आज पूरे देश के सामने ईडी और सीबीआई का यही खेल चल रहा है. वहीं जब आम आदमी पार्टी की बात आती है तो ये दो साल से फर्जी मुकदमे चलाते हैं और एक के बाद एक समन भेजते हैं. जांच में इनको एक चवन्नी बरामद नहीं होती है, कोई ठोस सबूत नहीं मिलता है. उन्होंने कहा कि जिन लोगों पर भाजपा ने आरोप लगाए और कार्रवाई भी की, लेकिन जब वो भाजपा के साथ आ गए तो पूरा केस रफादफा कर दिया गया. देश की जनता आने वाले लोकसभा चुनाव में इसका जवाब देगी.



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