वायनाड लोकसभा सीट
भारत के दक्षिणी राज्य केरल में स्थित वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र अपनी विविध आबादी और एक प्रमुख राजनीतिक सीट के रूप में उभरने के कारण ऐतिहासिक और राजनीतिक महत्व रखता है. यह क्षेत्र अपनी विश्व प्रसिद्ध सांस्कृतिक विरासत, परंपरा और महत्वपूर्ण राजनीतिक इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. वायनाड की सांस्कृतिक विरासत में विभिन्न तरह की पारंपरिक कलाएं अनुष्ठान शामिल हैं. यह क्षेत्र विविध जनजातीय समुदायों का घर है. वायनाड में वल्लियूर केवु भगवती मंदिर और अन्य महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बहुत प्रसिद्ध हैं जिनकी धार्मिक मान्यताएं हैं. ये सभी मंदिर और धार्मिक स्थल भी यहां की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का हिस्सा हैं. इन सबके अलावा, वायनाड लोकसभा सीट प्रत्येक चुनाव में केंद्र का हिस्सा बनी रहती है क्योंकि मौजूदा समय में विपक्ष पार्टी के नेता और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रहे राहुल गांधी यहां से सांसद हैं.
वायनाड लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र केरल राज्य के 20 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है, जो अनुसूचित जनजातियों की सबसे बड़ी आबादी का घर होने के लिए जाना जाता है. हाई-प्रोफाइल उम्मीदवारों के चुनाव लड़ने के कारण यह निर्वाचन क्षेत्र सुर्खियों में रहा है, जिससे इसके राजनीतिक महत्व की ओर सबका ध्यान ज्यादा जाता है. 2019 के लोकसभा चुनावों में इस सीट के लिए प्रमुख उम्मीदवारों के बीच ऐतिहासिक लड़ाई देखी गई. कांग्रेस के राहुल गांधी 4.31 लाख से ज्यादा वोटों की बढ़त हासिल करके विजेता बने थे. राहुल गांधी की इस जीत के बाद से इस निर्वाचन क्षेत्र की और सबका ध्यान और आकर्षित हो गया.
2019 लोकसभा चुनाव में क्या थे परिणाम?
साल 2019 में हुए आम चुनाव में इस सीट से कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जीत दर्ज की थी. उन्हें कुल 7,06,367 वोट मिले थे. वहीं, राहुल गांधी के सामने खड़े, वाम दल के प्रत्याशी पी.पी सुनीर को 2,74,597 वोट मिले थे. यानी की तकरीबन 4.31 लाख के वोटों के अंतर से राहुल गांधी ने जीत दर्ज की थी. बात करें अगर वोट शेयर की तो राहुल गांधी का वोट शेयर 64.94 प्रतिशत था और CPI के प्रत्याशी सुनीर को वोट शेयर 25.24 प्रतिशत ही रहा. इस चुनाव में तीसरे नंबर पर भारत धर्म जन सेना (BDJS) के प्रत्याशी तुषार वेल्लापल्ली रहे. उन्हें 78,816 वोट मिले. बता दें कि वायनाड में कुल 3 विधानसभा क्षेत्र हैं.
पिछले तीन लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का दबदबा
पिछले तीन आम चुनावों से इस निर्वाचन क्षेत्र पर कांग्रेस का दबदबा रहा है, यानी 2009, 2014 और 2019 में यहां से कांग्रेस जीतती आई है. जिसमें 2014 और 2019 में दिवंगत कांग्रेस नेता एम.आई. शनावास यहां से सांसद चुने गए थे. लेकिन साल 2018 में बीमारी के चलते उनका निधन हो गया था जिसके बाद से राहुल गांधी ने इस सीट का मोर्चा संभाला.
2019 के वायनाड लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के उम्मीदवार चुनाव नतीजों में शीर्ष दावेदारों में शामिल नहीं दिखे. इसी तरह 2014 के वायनाड लोकसभा चुनाव में भी बीजेपी उम्मीदवार की दावेदारों शीर्ष स्थानों में नहीं थी. यानी बीजेपी के लिए यह सीट हमेशा से एक चैलेंज के तौर पर उभरी है.
1980 में हुआ था जिले का गठन
बात करें जिले की तो वायनाड का गठन 1 नवंबर 1980 को हुआ था. इस कोझिकोड और कन्नूर जिलों को अलग करके बनाया गया था जिसके बाद यह केरल राज्य के 12वें जिले के रूप में बना था. वहीं, वायनाड में कुल तीन नगर पालिका हैं – कलपेट्टा, मननथावाडी और सुल्तान बाथरे. देश की प्रमुख नदियों में से एक माने जाने वाली काबिनी नदी, जिसे कावेरी नदी की सहायक नदी माना जाता है, वह इसी जिले से होकर गुजरती है.