ससुरालवालों ने थाने के पास बेटे को जिंदा जलाया
यूपी के मथुरा से एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया. दिल्ली आगरा हाईवे पर 6 से 7 नामजद लोगों ने पिता के साथ बाइक पर आ रहे बेटे को बाइक से खींच लिया, पहले बेटे की पिटाई की फिर ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे जिंदा जला दिया. घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. ये वाक्या इसलिए भी हैरान करने वाला है क्योंकि घटना पुलिस थाने से कुछ ही कदम की दूरी पर हुई है.
थाना हाईवे इलाके के महोली गांव के रहने वाले पप्पू के दो बेटों की शादी गांव भुड़रसु में करीब 3 साल पहले हुई थी. कुछ दिन बाद से ही बहू की घर में अनबन होने लगी. इससे दोनों बेटो की पत्नियां अपने मायके चली गईं. साथ ही बेटों के ससुराल पक्ष से पप्पू का विवाद बढ़ता चला गया. आरोप है कि 2-3 दिन पहले पप्पू के दोनों बेटों के साथ ससुराली जनों ने मारपीट भी की थी और उल्टा पप्पू और उसके बेटो के खिलाफ थाना हाइवे में तहरीर दे दी थी.
पहले बाइक से गिराया, पीटा, फिर जिंदा जलाया
आज थाना हाइवे से मृतक के पिता पप्पू को एक फोन आया कि तुम्हारे खिलाफ धारा 307 में FIR दर्ज हो रही है, तुम आकर थाने बात करो. पुलिस ने समझौते के लिए दोनों पक्षों को थाने बुलाया था. पप्पू अपने 25 साल के बेटे विजय के साथ बाइक पर सवार होकर थाना हाईवे आ रहा था, तभी थाना हाईवे से कुछ दूर पहले दिल्ली-आगरा हाईवे पर 6 -7 लोगों ने पप्पू की बाइक को रोक लिया. कहा जा रहा है कि यह लोग विजय के ससुराल पक्ष के लोग थे. बाइक रोकने के बाद पप्पू और उसके बेटे विजय को बाइक से खींचकर पहले तो इन लोगों ने बेरहमी से पीटा और फिर ज्वलनशील पदार्थ डालकर उसे जिंदा जला दिया. पप्पू ने वहां से भाग कर अपनी जान बचाई. जली हुई अवस्था में मृतक विजय को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत्य घोषित कर दिया.
सदमें में पूरा परिवार
घटना की जानकारी होते ही पप्पू के गांव वाले थाने पहुंच गए. यहां परिजनों ने थाने पर जमकर हंगामा किया और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि पुलिस ने हमें समझौते के लिए यहां बुलाया था ,जिससे पहले बेटे को मेरी बाइक से खींचकर जिंदा जला दिया गया. पप्पू ने कहा कि पुलिस की तरफ से लगातार हमें धमकाने के लिए फोन जा रहे थे. तीन-चार दिन पहले ससूराल वालों ने घर आकर हमारे यहां मारपीट की थी ,लेकिन पुलिस उल्टा हमारे खिलाफ कार्यवाही कर रही थी.
पुलिस पर खड़े कई गंभीर सवाल
वहीं एसपी सिटी अरविंद कुमार घटना की सूचना मिलते ही थाने पहुंच गए. उनका कहना है कि थाने से कुछ दूरी पर युवक को जिंदा जला दिया गया. ससुराल वालों से विवाद चल रहा था. मामले में सबसे बड़ी बात ये है कि जिस दिन ससुराल वालों ने पप्पू के घर पर आकर मारपीट की थी अगर उसी दिन पुलिस सख्त कार्यवाही करती तो शायद आज विजय को यह दबंग लोग जिंदा नहीं जलाते. लेकिन पुलिस कार्यवाही की जगह, बिना किसी जांच पड़ताल के दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता करवा रही थी. ये बात सवालों के घेरे में है और पुलिस की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करती है. सवाल है कि क्या कोई बड़ा दबाव था या पुलिस का कोई लालच था. फिलहाल मामले पर जांच जारी है.