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Wednesday, December 4, 2024
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Malappuram Lok Sabha Seat: मुस्लिम लीग का गढ़, कांग्रेस भी नहीं दे पाई मात… क्या जारी रहेगा सिलसिला? | lok sabha election 2024 Malappuram Lok Sabha Seat candidate Indian Union Muslim League and congress


Malappuram Lok Sabha Seat: मुस्लिम लीग का गढ़, कांग्रेस भी नहीं दे पाई मात... क्या जारी रहेगा सिलसिला?

मलप्पुरम लोकसभा सीट

भारत के केरल के उत्तरी भाग में स्थित मलप्पुरम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र राजनीतिक तौर पर बहुत अहमियत रखती है.यह राज्य के 20 संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों में से एक है और इसमें कई राजनीतिक दलों के संसद सदस्यों का समृद्ध इतिहास है. लेकिन कई राजनीति दलों में से इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का लंबा और खासा प्रभाव है. इस निर्वाचन क्षेत्र ने पी.के कुन्हालीकुट्टी और एम.पी.अब्दुस्समद समदानी जैसे कद्दावर और नामी सांसदों का चुनाव देखा है. लगातार, कई सालों तक इस सीट पर मुस्लिम लीग का दबदबा रहा है. मलप्पुरम राजनीतिक प्रतिनिधित्व के लिए एक महत्वपूर्ण सीट रही है और इसने अपनी विविध राजनीतिक संबद्धताओं और प्रतिनिधित्व के साथ लोकतांत्रिक प्रक्रिया में योगदान दिया है.

मलप्पुरम लोकसभा क्षेत्र का महत्व इसकी सांस्कृतिक विविधता के कारण भी है. यह क्षेत्र अपनी सांस्कृतिक विविधता के लिए जाना जाता है, क्योंकि इसमें पूर्ववर्ती पलक्कड़ और कोझिकोड जिलों का एक हिस्सा शामिल है, जो एर्नाड तालुक और तिरूर तालुक के कुछ हिस्सों से बना है. यह विविधता राजनीतिक परिदृश्य में भी साफ तौर पर दिखती है, खास करके इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के विविध संसद सदस्यों के इतिहास से.

2019 लोकसभा चुनाव के परिणाम क्या थे?

अगर नजर डाले 2019 आम चुनाव पर तो, मलप्पुरम लोकसभा क्षेत्र में प्रभावशाली मतदान हुआ है. 2019 आम चुनाव में IUML के पी.के कुन्हालीकुट्टी ने यहां से जीत दर्ज की थी. उन्होंने 5,89,873 वोटों के साथ महत्वपूर्ण जीत हासिल की थी. वहीं दूसरे स्थान पर रहे वाम दल, CPI(M) के उम्मीदवार वी.पी. सानू को 3,29,720 वोट मिले थे. वहीं बीजेपी तीसरे स्थान पर रही. BJP उम्मीदवार उन्नीकृष्णन को 82,332 वोट मिले थे. इस जीत से पी.के. कुन्हालीकुट्टी मलप्पुरम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में अग्रणी उम्मीदवार के रूप में उभरे.

अगर बात करे वोट शेयर की तो 2019 आम चुनाव में मुस्लिम लीग का वोट प्रतिशत 57.01 रहा था वहीं दूसरे स्थान पर रही CPI(M) का वोट शेयर 31.87 प्रतिशत रहा. BJP का वोट शेयर महज 7.96 प्रतिशत ही रहा. चुनाव आयोग के अनुसार मलप्पुरम में कुल 13,40,547 वोटर्स हैं.

इस सीट पर मुस्लिम लीग का दबदबा आज से नहीं बल्कि साल कई साल पहले से है. 1957 से लेकर 1999 तक लगातार यहां पर IUML ही जीत दर्ज करती आ रही थी. लेकिन 2004 में, 14वीं लोकसभा के आम चुनाव में वाम दल ने जीत हासिल कर ली थी. लेकिन फिर इसके बाद से, यानी 2009 से अब तक यहां मुस्लिम लीग का ही दबदबा बना हुआ है. IUML, CPI(M), BJP के अलावा मलप्पुरम में सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) भी राजनीतिक केंद्र में बनी रहती है. हालांकि, यह पार्टी अभी तक जीत दर्ज नहीं कर पाई है.

उपचुनाव में भी मुस्लिम लीग ने दर्ज की जीत

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) के नेता पी के कुन्हालीकुट्टी के सीट से इस्तीफे के कारण 2021 के मलप्पुरम लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में उपचुनाव हुए थे. पी के कुन्हालीकुट्टी ने राज्य विधानसभा चुनाव में अपनी पार्टी का नेतृत्व करने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. जिसके कारण, निर्वाचन क्षेत्र में खाली सीट को भरने के लिए उपचुनाव आयोजित किया गया था.

उपचुनाव में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के एम. पी. अब्दुस्समद समदानी उम्मीदवार बनकर उभरे थे. चुनाव आयोग के रिकॉर्ड के अनुसार इस उपचुनाव में अब्दुस्समद समदानी को कुल 5,38,248 वोट मिले थे. उन्होंने CPI(M) के उम्मीदवार वी.पी.सानू को 1,14,615 वोटों के मार्जिन से जीत दर्ज की थी. इस जीत ने निर्वाचन क्षेत्र में IUML की स्थिति को और मजबूत किया था.

इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (IUML) का इतिहास

IUML की एक स्थापना मार्च 1948 में मद्रास (अब चेन्नई) में विपक्षी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक प्रमुख सदस्य के रूप में की गई थी. मुहम्मद इस्माइल, जिन्हें कायद-ए-मिल्लथ के नाम से भी जाना जाता है, उनके नेतृत्व में इसका गठन हुआ था. पार्टी ने 1 सितंबर, 1951 को एक नया संविधान अपनाया था. जिसके बाद केरल में एक राज्य पार्टी के रूप में मान्यता प्राप्त की थी. IUML ने अखिल भारतीय मुस्लिम से अपनी अलग पहचान बनाए रखी है.



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