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Sunday, February 9, 2025
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GDP का मामूली हिस्सा खर्च करके, देश में लाखों महिलाओं को मिल जाएगा रोजगार | India Care Sector Can Generate Lakhs Of Jobs For Ladies In Just 2 Percent GDP Expense


GDP का मामूली हिस्सा खर्च करके, देश में लाखों महिलाओं को मिल जाएगा रोजगार

सांकेतिक फोटोImage Credit source: Unsplash

भारत की लगभग आधी आबादी महिलाओं की है, लेकिन देश के वर्कफोर्स में इनकी हिस्सेदारी काफी कम है. ऐसे में अगर कोई ऐसा सेक्टर हो जो ओवरऑल लाखों नौकरियां सृजित कर सकता हो और उसमें भी करीब 70 प्रतिशत सिर्फ महिलाओं को मिलें, तो कैसा हो. जी हां देश में ऐसा एक सेक्टर है, जिस पर सरकार को देश की जीडीपी का भी मामूली हिस्सा खर्च करना होगा.

यहां बात हो रही है ‘केयर सेक्टर’ की, जो एक उभरता हुआ नया सेक्टर है. वहीं आने वाले समय में इसकी डिमांड बहुत तेजी से बढ़ने की उम्मीद है. इस सेक्टर में खासकर महिलाओं की खास डिमांड रहने वाली है, क्योंकि नैसर्गिक तौर पर भी महिलाओं को इस सेक्टर के लिए मुफीद माना जाता है.

पैदा होंगी 1.1 लाख नौकरियां

अगर सरकार इस सेक्टर में देश की जीडीपी के महज 2 प्रतिशत के बराबर का सार्वजनिक निवेश करती है, तो इस सेक्टर में 1.1 लाख नौकरियां जेनरेट हो सकती है. इसमें भी करीब 70 फीसदी नौकरियां महिलाओं को मिल सकती हैं. इस बारे में फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन (एफएलओ) ने बुधवार को रिपोर्ट भी जारी की है.

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एफएलओ की रिपोर्ट में केयर इंडस्ट्री की इकोनॉमी को बदलने की रूपरेखा भी पेश की गई है. इसमें 5 मुख्य बातों पर जोर दिया गया है, जिनमें छुट्टियों से संबंधित पॉलिसी, केयर सब्सिडी, केयर सेक्टर के इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश, स्किल डेवलपमेंट और क्वालिटी एश्योरेंस सिस्टम शामिल है.

स्टार्टअप और एमएसएमई सेक्टर को मिले मदद

फिक्की लेडीज ऑर्गनाइजेशन का कहना है कि देश में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय को मातृत्व अवकाश (मैटरनिटी लीव) के लिए एमएसएमई और स्टार्टअप्स को फाइनेंशियल हेल्प देने के बारे में सोचना चाहिए. वहीं बच्चों के माता-पिता के लिए बेहतर लीव पॉलिसी, केयर टाइम के लिए लीव एवं काम करने में फ्लैक्सिबिलिटी के ऑप्शंस को बढ़ावा देने पर विचार करना चाहिए.

इसमें छुट्टियों के लिए मार्केट ओरिएंटेड फाइनेंशियल हेल्प शामिल हो सकती है, जैसे कि अगर माता-पिता छुट्टी के लिए बीमा, एम्प्लॉयर्स को स्त्री-पुरूष में अंतर किये बिना केयर लीव देने के बारे में सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है.

ग्लोबली बढ़ रही केयर की डिमांड

इंटरनेशनल लेबर ऑर्गनाइजेशन का डेटा दिखाता है कि केयर सर्विस सेक्टर में बढ़ते निवेश से 2030 तक ग्लोबल लेवल पर 47.5 करोड़ नौकरियों का सृजन करने की क्षमता है. विशेष तौर पर भारत के लिए सकल घरेलू उत्पाद के दो प्रतिशत के बराबर पब्लिक इंवेस्टमेंट से इस सेक्टर में भरपूर नौकरियां पैदा होंगी.



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