दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री और AAP संयोजक अरविंद केजरीवाल को कोर्ट से राहत मिलती नहीं दिखाई दे रही है. ईडी की रिमांड पूरी होने के बाद आज उन्हें राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया गया, जहां दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद उन्हें 1 अप्रैल तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया. कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी पर सवाल उठाए थे. उन्होंने कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ कोई आरोप नहीं हैं और उन्हें गलत तरीके से इस केस में फंसाया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि ईडी के पास मेरी गिरफ्तारी के लिए किसी भी तरह का कोई पर्याप्त आधार नहीं है? केजरीवाल की दलील और वकीलों की तीखी बहस के बावजूद उन्हें राहत नहीं मिल सकी. आइए जानते हैं ईडी के उस होमवर्क के बारे में जिसके सामने केजरीवाल और उनके वकीलों की दलील भी काम नहीं आ सकी.
दिल्ली शराब घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में अरविंद केजरीवाल को ईडी ने 21 मार्च को गिरफ्तार किया था. इसके बाद कोर्ट ने उन्हें 6 दिन के लिए कस्टडी में भेजा था. रिमांड के दौरान 5 दिन तक केजरीवाल के बयान दर्ज किए गए. 23 से लेकर 27 मार्च तक शराब घोटाला मामले में केजरीवाल से अलग-अलग सवाल किए गए. इसके साथ ही तीन अन्य लोगों के भी बयान दर्ज किए गए.
जांच में कई अहम जानकारी हाथ लगी
जांच में पता चला कि मनीष सिसोदिया के पूर्व सचिव सी अरविंद ने अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में सीएम के घर पर ड्राफ्ट GoM की रिपोर्ट दी थी. दूसरी ओर गोवा में आप के एक उम्मीदवार ने बताया कि गोवा के विधानसभा चुनाव के पूरे खर्च का हिसाब किताब आप का दिल्ली ऑफिस रख रहा था.
केजरीवाल की डिजिटल डिवाइस में क्या?
21 मार्च को केजरीवाल की गिरफ्तारी के दौरान उनकी पत्नी का एक फोन जब्त किया गया, जिसके डेटा की जांच चल रही है. इसके साथ ही केजरीवाल की 4 डिजिटल डिवाइस मिली हैं, जिनके वो पासवर्ड नहीं बता रहे हैं, उनका कहना है वो अपने वकील से पूछकर बताएंगे.
अपने आईटीआर, चल और अचल संपत्तियों की जानकारी अभी तक उपलब्ध नहीं कराई है.
इन सवालों के जवाब ढूंढेगी ईडी
उनसे सीएम ऑफिस का विजिटर रजिस्टर मांगा गया, बताया गया ऐसा कोई रजिस्टर मेंटेन नहीं किया जाता है. बताया गया कि सीएम से मिलने का ऑनलाइन पोर्टल है और रजिस्ट्रेशन है. उसकी जानकारी का इंतजार है. पंजाब के कुछ आबकारी अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है जो दिल्ली के शराब कारोबारियों पर घूस नहीं देने पर दबाव डालने में शामिल थे. रिश्वत नहीं देने पर ऐसे कारोबारियों की फैक्ट्रियां बंद हो गईं या वो अपना माल पंजाब में सप्लाई नहीं कर पाए.