चीन के राष्ट्रपति जिनपिंग. (फाइल फोटो)
चीन को घेरने के लिए भारत ने एक चक्रव्यूह तैयार कर लिया है. भारत ने अब उन देशों के साथ अपने रक्षा और रणनीतिक संबंधों को मजबूत करना शुरू किया है जिनका चीन के साथ जमीन या समुद्री सीमा विवाद है. इसका सबसे ताजा उदाहरण फिलीपींस है.
चीन और फिलीपींस के कोस्ट गार्ड के बीच हुई झड़प के 72 घंटे के भीतर भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने मनाली में फिलीपींस के राष्ट्रपति, विदेश मंत्री और रक्षा मंत्री से मुलाकात की. भारत के विदेश मंत्री ने कहा कि भारत फिलीपींस के संप्रभुता के साथ खड़ा है. विदेश मंत्री जयशंकर जब फिलीपींस में थे तब इण्डियन कोस्ट गार्ड का शिप- समुद्र पहरेदार भी फिलीपींस में मौजूद था.
पद्म भूषण से किया सम्मानित
भारत ने एक एक करके साउथ चाइना सी और हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के साथ रणनीतिक सहयोग को बढ़ाया है. जापान के साथ क्वाड और दूसरे मंचों पर साथ है. वहीं ताइवान के साथ भी पिछले कुछ महीने में संबंधों को काफी एक्टिव किया गया है. भारत ने वन चाइना पॉलिसी को खारिज करते हुए ताइवान के साथ नये सिरे से संबंध बनाना शुरू किया है. ताइवान की सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन के प्रमुख को पद्म भूषण से सम्मानित किया.
स्ट्रेटेजी बनाना किया है शुरू
भारत ने ताइवान के साथ कई तरह के नए कांट्रैक्ट लिए गए हैं. सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में बड़े पैमाने पर ताइवान के साथ मिलकर काम किया जा रहा है. मालदीव में चीन की चालबाजी के बाद मॉरीशस में भारत ने अपना नेवल और एयर बेस बनाना शुरू किया है. इसके अलावा थाईलैंड, मलेशिया, सिंगापुर, और दूसरे कई आसियान देशों के साथ मिलकर भारत एक रक्षा कवच बनाने में जुटा है. वहीं श्रीलंका, भूटान, बांग्लादेश और नेपाल में भारत ने नये तरीके से स्ट्रेटेजी बनाना शुरू किया है.