कृष्ण कूप पूजा मामला
वाराणसी में ज्ञानवापी का मुद्दा अभी थम भी नहीं पाया है कि इसी बीच मथुरा में कृष्ण कूप के पूजा के अधिकार की मांग को लेकर मामला गरमाया गया है. श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 11 लोगों के साथ अपने खून से सीएम योगी को पत्र लिखा है. दिनेश शर्मा ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करके सीएम योगी आदित्यनाथ से कृष्ण कूप के पूजा के अधिकार की मांग की है.
श्री कृष्ण की नगरी मथुरा में श्री कृष्ण जन्म भूमि को लेकर कई विवाद चल रहे हैं जिनपर कोर्ट की कार्यवाही चल रही है. इसी दिशा में आज श्रीकृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने 11 लोगों के साथ अपने खून से सीएम योगी को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थान को मुक्त करने को लेकर कई हिंदूवादी संगठनों और हिंदूवादी नेताओं ने दावे किए हैं जिनकी सुनवाई लगातार हाईकोर्ट में चल रही है. लेकिन अब एक और मामला सामने आया है जिसने काफी ज्यादा तूल पकड़ ली है.
शाही ईदगाह मस्जिद के पास है कृष्णा कूप
आपको बताते दें कि श्री कृष्ण जन्मभूमि स्थान पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद के पास एक बहुत पुराना कृष्णा कूप या कुआ हैं जिसकी सालों पहले से पूजा होती आती रही है. साथ ही उसको कृष्ण-कूप के नाम से जाना जाता है. शाही ईदगाह की सीढ़ियों में ये कृष्णा कूप बना है. बासोड़ो के पर्व पर शीतला माता की पूजा के दिन कृष्ण कूप की पूजा की जाती है. इतिहासकारों की मानें तो भगवान श्रीकृष्ण के प्रपोत्र बज्रनाभ ने कृष्ण कूप का निर्माण करवाया था. इस बार 1 और 2 अप्रैल को ये शीतला पूजा होनी है. पिछली बार स्थानीय लोगों ने पुलिस फोर्स की मौजूदगी में ये पूजा की थी.
ईदगाह मस्जिद को सील करने की मांग
वहीं अब इसकी पूजा को लेकर मामला गरमाने लगा है जिसको लेकर श्री कृष्ण जन्मभूमि संघर्ष न्यास के अध्यक्ष दिनेश शर्मा ने खून से पत्र लिखा है. आपको बता दें कि बीते साल नवंबर में भी दिनेश ने अपने खून से प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी को भी पत्र लिखा था. उन्होंने खून से लिखे पत्र में पीएम से कई मांग की थी. दिनेश कृष्ण जन्मभूमि से ईदगाह मस्जिद को हटाने वाले केस के पक्षकार भी हैं. दिनेश शर्मा ने 15 से ज्यादा बार अपने खून से पत्र लिख चुके हैं. उन्होंने पहले के अपने पत्रों में ईदगाह मस्जिद को सील करने की मांग की थी.
अगली सुनवाई 1 अप्रैल को
हिंदूवादी नेता दिनेश शर्मा श्री कृष्ण जन्मभूमि के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं. उनके द्वारा कोर्ट में दावा भी दाखिल किया गया है, जिसमें उन्होंने कहा है कि श्री कृष्ण जन्मभूमि की जगह पर बनी शाही ईदगाह मस्जिद पूरी तरह अवैध है, जिसको तुरंत हटाया जाए. यह मामला कोर्ट में विचाराधीन है, जिसकी सुनवाई अब इलाहाबाद कोर्ट में लगातार चल रही है. इस केस की अगली सुनवाई 1 अप्रैल को होगी.